तीस्ता नदी के तट पर दस वर्ष से अधिक समय से किसान बादाम की खेती करते आ रहे हैं, लेकिन पिछले वर्ष से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बादाम किसान ने बताया कि इसबार जहां बादाम की खेती की, वहां करीब 30 से 40 बीघा खेत में बादाम अब भी पड़ा है. श्रमिकों के जरिये नदी पार करने में जितना खर्च हो रहा है उससे लाभ तो दूर, खर्च निकलना मुश्किल आ रहा है. बादाम का फसल तैयार होने के बाद भी कई जगहों में अब भी पड़ा है. खेत से बादाम ले जाने में भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
चेंगमारी इलाके का किसान संघ के सचिव हबीबुल इसलाम ने बताया कि मालबाजार ब्लाक के क्रांति, चापाडांगा, चेंगमारी इलाके के लोग किसान हैं. यहां उत्पादित बादाम बाहर जाता है. इस राज्य के अलावा भी अन्य राज्यों में बादाम का निर्यात किया जाता है. बारिश के पहले जिन किसानों ने खेत से बादाम हटा लिया उन्हें उतना नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जो किसान खेतों से बादाम हटा नहीं सके उन्हें नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि जिन इलाकों में बादाम की खेती की जाती है वहां तीस्ता का पानी भर गया है. माल कृषि अधिकारी उत्पल मंडल ने बताया कि बादाम में नुकसान की खबर उनके पास नहीं है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच की जायेगी.