मालदा: मेडिकल कॉलेज निर्माण में लापरवाही बरतने के आरोप में राज्य सरकार ने ‘पुंच लॉयेड’ केंपनी के साथ करार रद्द कर दिया. 26 मार्च को पश्चिम बंगाल मेडिकल कॉलेज सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अतनु राय ने इस कंपनी को पत्र भेजा था.
आज कोलकाता से फोन पर राज्य के शिक्षा व स्वास्थ्य अधिकारी सुशांत बनर्जी ने कहा कि पुंच लॉयेड कंपनी के साथ करार रद्द कर दिया गया है. इस कंपनी की क्षमता मेडिकल कॉलेज निर्माण की नहीं है. बावजूद इसके कंपनी ने राज्य में तीन मेडिकल कॉलेज निर्माण का दायित्व अपने कंधे पर ले लिया है.
नयी कंपनी को मेडिकल कॉलेज निर्माण का दायित्व दिया जायेगा. अभी चुनाव चल रहा है. चुनाव खत्म होते ही नयी कंपनी के जरिये मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य करवाया जायेगा. आज मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है. पुंच लॉयेड कंपनी के दफ्तर में जाकर देखा गया कि कंपनी के कर्मचारी हताश हैं. कंपनी के प्रोजेक्ट प्रबंधक शुभाशीष सुब्रमण्यम ने कहा कि उनकी कंपनी को राज्य सरकार ने बरखास्त कर दिया है. इससे ज्यादा वह कुछ नहीं कह सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके कुछ बिल बकाया रहने के कारण वह काम शुरू नहीं कर पा रहे थे. दूसरी ओर मालदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सैबाल मुखर्जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा करार रद्द करने संबंधी पत्र आज ही उन्हें मिला है.
पत्र में कॉलेज का निर्माण कार्य बंद कर एक अप्रैल के अंदर कंपनी को हटा देने का निर्देश दिया गया है. प्राचार्य ने कहा कि नवंबर 2010 में राज्य सरकार के साथ कंपनी का करार हुआ था. करार के तहत 17 महीनों के भीतर मालदा मेडिकल कॉलेज, उत्तर चौबीस परगना सागर दत्त मेडिकल कॉलेज व मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज का काम संपन्न कर देना था. जनवरी 2011 में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू किया गया था.
इसके 40 महीने बीत जाने के बाद भी कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर पायी. अभी तक एकेडेमिक बिल्डिंग व ओपीडी बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इंटर्निग होस्टल, विद्यार्थियों का होस्टल, डॉक्टर व कर्मचारियों के क्वार्टर मिलाकर छह से नौ मंजीला तक बिल्डिंग तैयार करने की बात थी. मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार, मालदा मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग के लिए राज्य सरकार व पुंच लॉयेड कंपनी के साथ 78 करोड़ का करार हुआ था. बाकी दो मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर कुल 264 करोड़ रुपये का करार हुआ था. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सैबाल मुखर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने सही फैसला किया है.