आसनसोल. उप श्रमायुक्त (सेंट्रल) कोलकाता के समक्ष बीते 18 जून को हुए त्रिपक्षीय समझौते के बाद कोल इंडिया प्रबंधन दसवें वेतन समझौता को लेकर गंभीरता दिखा रहा है. अगामी तीन-चार जुलाई को कोलकाता में जेबीसीसीआइ की पांचवीं बैठक बुलायी गयी है. इस बारे में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कार्मिक) सह जेबीसीसीआइ की कोऑर्डिनेटर तृप्ति पराग […]
आसनसोल. उप श्रमायुक्त (सेंट्रल) कोलकाता के समक्ष बीते 18 जून को हुए त्रिपक्षीय समझौते के बाद कोल इंडिया प्रबंधन दसवें वेतन समझौता को लेकर गंभीरता दिखा रहा है. अगामी तीन-चार जुलाई को कोलकाता में जेबीसीसीआइ की पांचवीं बैठक बुलायी गयी है. इस बारे में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कार्मिक) सह जेबीसीसीआइ की कोऑर्डिनेटर तृप्ति पराग शॉ ने पत्र जारी किया है. इसके पहले आगामी 27 जून को पेंशन सब कमेटी की बैठक नागपुर में होगी. जानकारों के अनुसार बैठक में पेंशन फंड में कर्मी व प्रबंधन के सात-सात प्रतिशत वित्तीय सहयोग पर सहमति बनेगी. इस पर आगामी तीन जुलाई को जेबीसीसीआइ की बैठक में मुहर लग सकती है.
सीआइएल के शेयर से नगदी जुटाने की योजना
केंद्र सरकार कोल इंडिया लिमिटेड के श्ेयर से नगदी जुटाने की योजना पर काम कर रही है. 25 फीसदी शेयर के पुनर्खरीद अनिवार्य किया गया है. कोल इंडिया की सिर्फ पांच कंपनियां ही शेयर खरीद सकती हैं. जबकि अन्य कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसका असर कहीं न कहीं कोलकर्मियों के लंबित दसवें वेतन समझौते पर भी पड़ सकता है. कंपनी की इस नीति से यूनियनों में नाराजगी बढ़ने लगी है. सनद रहे कि कोल इंडिया में वर्त्तमान में सरकार की 79.11 फीसदी हिस्सेदारी है. इससे भी धटाने की योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है. कोल कर्मियों का दसवां वेतन समझौता जुलाई, 2016 से लंबित है.
कोल इंडिया प्रबंधन एक तरफ वित्तीय संकट का हवाला देकर वेतन समझौते को लंबित कर रहा है, तो दूसरी तरफ सरकारी खजाने को मजबूत करने के लिए शेयर पुनर्खरीद के जरिये केंद्र सरकार के लिए नगदी जुटाने में लगा है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष अक्तूबर में पुनर्खरीद के बाद कोल इंडिया ने अपना 2500 करोड़ रुपये की नगदी जुटायी थी और शेयर धारकों को भी कुल 3650 करोड़ नगदी दी गयी थी. बताते हैं कि सरकार रोज नये-नये नियम बना कर सार्वजनिक क्षेत्रों का दोहन कर अपने बजटीय घाटे को पाटने में लगी है.
सरकार के नये निर्देश के मुताबिक कम से कम दो हजार रूपये की हैसियत व एक हजार करोड़ रुपये के नगद तथा बैंक बैलेंस वाली सरकारी कंपनियों के लिए अधिकतम 25 फीसदी इक्यूटी शेयर की पुनर्खरीद अनिवार्य किया गया है. ऐसी स्थिति में कोल इंडिया की सात सहायक कपंनियों में से पांच को अनिवार्य रूप से शेयर पुनर्खरीद करने होंगे. सरकार ने शुद्ध लाभ के आधार पर लाभांश देने की बजाय सरकारी कंपनियों को शुद्ध लाभ का 30 फीसदी या हैसियत का पांच फीसदी (जो भी ज्यादा हो) लाभांश के तौर पर सरकार को देने होंगे. इसी आधार पर कोल इंडिया एक बार फिर से पुनर्खरीद योजना को आगे बढ़ा रही है.
सीआइएल की सहायक कंपनियों की हैसियत
कंपनी हैसियत (करोड़ में)
इसीएल 1994.44
बीसीसीएल 3890.13
सीसीएल 3038.01
एसइसीएल 51100.75
एमसीएल 4319.29
एनसीएल 4194.86
डब्ल्यूसीएल 3157.20
एनइसीएल 238.46