दार्जीलिंग : गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के सभी 45 निर्वाचित सदस्यों नेशुक्रवार को प्रशासनिक निकाय से इस्तीफा दे दिया. इनमें मुख्य कार्यकारी बिमल गुरुंग भी शामिल हैं. निर्वाचित सदस्य गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के हैं जो अलग गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलनरत है. जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि इस्तीफे जीटीए के प्रधान सचिव को सौंपे जायेंगे. गिरि ने गुरुवारको कहा था कि हमने जीटीए से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जीटीए को एक ‘तमाशा’ बना दिया है और जीजेएम तथा पहाड़ों के लोग अलग गोरखालैंड राज्य के एकलौते एजेंडे के लिए लड़ते रहेंगे. जीटीए से अलग होने का जीजेएम का फैसला पहाड़ों में हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद लिया गया. इस बैठक में फैसला लिया गया था कि पार्टीत्रिपक्षीय जीटीए समझौते से अलग हो जायेगी. पहाड़ों के सभी राजनीतिक दलों और सार्वजनिक संगठनों ने 20 जून को सर्वसम्मति से उत्तर बंगाल में अलग गोरखालैंड की लंबे समय से चली आ रही मांग को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी.
अलग राज्य को लेकर आंदोलन की अगुवाई कर रहे जीजेएम और दल की ओर से बुलाये गये अनिश्चितकालीन बंद ने पहाड़ों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. वर्ष 2012 से जीटीए की कमान जीजेएम के हाथों में थी और इसका पांच वर्ष का कार्यकाल इसी महीने पूरा होनेवाला है.