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सुलगते पहाड़ के लिए ममता सरकार दोषी: दावा पाखरिन

सिलीगुड़ी: कुछ रोज से सुलग रहे दार्जीलिंग पहाड़ के इस हालात के लिए ममता सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. इतना ही नहीं अलग राज्य गोरखालैंड की वर्षों पुरानी मांग को राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही राजनैतिक साजिश के मारफत कुचलना चाहती है. इसके लिए दोनों सरकार आपसी समझौते के तहत दार्जीलिंग पार्वतीय क्षेत्र को […]

सिलीगुड़ी: कुछ रोज से सुलग रहे दार्जीलिंग पहाड़ के इस हालात के लिए ममता सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. इतना ही नहीं अलग राज्य गोरखालैंड की वर्षों पुरानी मांग को राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही राजनैतिक साजिश के मारफत कुचलना चाहती है. इसके लिए दोनों सरकार आपसी समझौते के तहत दार्जीलिंग पार्वतीय क्षेत्र को कश्मीर में तब्दील करने पर उतारु है.

राज्य और केंद्र पर यह जघन्य आरोप शुक्रवार को गोरखा राज्य निर्माण मोरचा के सुप्रीमो दावा पाखरिन ने लगाया है. श्री पाखरिन ने आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने केंद्र और राज्य सरकार को तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा है कि गोरखालैंड राज्य निर्माण मोरचा और सभी पहाड़वासी दार्जीलिंग पहाड़ को कभी भी कश्मीर नहीं बनने देंगे. इसके लिए चाहे गोरखाओं को अपनी मातभूमि के लिए आहूति ही क्यों न देना पड़े. श्री पाखरिन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिटलर करार दिया.

उनका कहना है कि गोरखालैंड के गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के लोकतांत्रिक आंदोलन पर पुलिसिया कार्रवायी को गुंडागर्दी ठहराया. उन्होंने कहा कि हिटलर ममता ने खाकी वर्दी पर तृणमूल कांग्रेस (तृकां) का रंग चढ़ा दिया है. शुक्रवार को आंदोलनकारी मोरचा समर्थकों और पार्टी दफ्तर में हुए तांडव को उन्होंने अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह खाकी वर्दी की गुंडागर्दी है. उन्होंने पार्टी की ओर से सरकार और शासन-प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि ममता सरकार की धांधली और पुलिस की गुंडागर्दी अब पहाड़ पर और बरदाश्त नहीं की जायेगी. श्री पाखरिन ने गोरखालैंड के मुद्दे पर राज्य की ममता और केंद्र की मोदी सरकार को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि ममता की सरकार गोरखालैंड के नाम पर ही भड़क उठती है और दीदी दार्जिलिंग पार्वतीय क्षेत्र को अलग राज्य बनाने के मूड में नहीं है. वहीं, मोदी सरकार और भाजपा गोरखालैंड के नाम पर पहाड़ की भोली-भाली जनता के साथ जलेबी की राजनीति कर रही है. गोरखालैंड के सवाल पर मोदी हो या अन्य केंद्रीय मंत्री या फिर भाजपा नेता सभी गोल-गोल जवाब देकर बच निकलते हैं. उनका कहना है कि पहाड़ की वर्तमान स्थिति पर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. लेकिन प्रधानमंत्री की दूर की बात दार्जीलिंग लोकसभा सीट से भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया अभी तक पहाड़वासियों का हालचाल तक लेने नहीं पहुंचे.

जबकि पहाड़ की जनता के समर्थन से ही वह लोकसभा तक पहुंचे हैं. केंद्र और भाजपा को पहाड़ की जनता का हमेशा ख्याल रखना चाहिए. इसके अलावा गोरखालैंड के मुद्दे पर केंद्रीय गहमंत्री राजनाथ सिंह के बंगाल सरकार को दिये गये त्रिपक्षीय वार्ता के प्रस्ताव को ममता द्वारा ठुकरा दिये जाने का भी श्री पाखरिन अनुचित करार दिया. साथ ही कहा कि पहाड़वासी हर हाल में गोरखालैंड लेकर रहेंगे. इसके लिए उन्होंने पहाड़वासियों से एकजूट होकर लड़ने का आह्वान किया.

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