सिलीगुड़ी: पहाड़ पर हुए बवाल को लेकर शहर के दार्जिलिंग मोड़ में पहले से सनसनी थी कि इसी बीच पुलिस ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चला दिया. इससे माहौल तनावपूर्ण हो उठा. सड़क किनारे दुकान-पाट चलानोंवालों के खिलाफ अभियान की वजह से गुस्साये छोटे व्यवसायियों ने सड़क जाम कर विरोध जताया. व्यवसायियों का आरोप है कि बिना किसी अग्रिम नोटिस के पुलिस ने उनकी दुकान उजाड़ दी.
दार्जिलिंग मोड़ सिलीगुड़ी शहर का सबसे अधिक जाम वाला इलाका बन गया है. जिसका मुख्य कारण सड़क की दोनों पटरियों पर दुकान लगना बताया जा रहा है. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी का एक प्रमुख प्रवेश द्वार होने की वजह से चारों ओर से गाड़ियों की लंबी कतारे लगती हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश, रांची, कोलकाता की ओर आने-जाने वाली बड़ी गाड़ियों के अलावा माटिगाड़ा, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी, पानीटंकी, फांसीदेवा व मेडिकल के लिए छोटी-बड़ी गाड़ियां व सिटी ऑटो दार्जिलिंग मोड़ से होकर गुजरते हैं. इसके साथ सुकना व दार्जिलिंग की ओर जाने वाली छोटी-बड़ी गाड़िया व ऑटो-टोटो भी इस मोड़ से होकर गुजरते हैं.
जाम से निजात के लिए गुरुवार को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की प्रधान नगर थाने की पुलिस ने फुटपाथ के अवैध दखल के खिलाफ अभियान चलाया. दार्जिलिंग मोड़ से सुकना की ओर जानेवाली सड़क के फुटपाथ पर फास्ट-फूड, पान-बीड़ी व अन्य दुकान चलानेवाले दुकानदारों को हटाया गया. पुलिस के इस अभियान से पटरी दुकानदार भड़क उठे व सड़क जाम कर विरोध जताया. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप कर अवरोध समाप्त कराया. दुकानदारों का आरोप है कि बिना किसी अग्रिम सूचना के पुलिस ने यह अभियान चलाया है. इधर पकौड़ी बेचने वाली कुछ महिला दुकानदारों ने हाथापाई करने का आरोप पुलिस पर लगाया. दुकानदारों ने क्षतिपूर्ति की मांग की है.
प्रधान नगर थाने की पुलिस ने बताया कि सड़क किनारे अतिक्रमण कर व्यवसाय चलाने वालों को प्रशासन की ओर से कई बार स्थान खाली करने का नोटिस दिया गया है. लेकिन उन लोगों ने ध्यान नहीं दिया. आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस बताया कि किसी भी प्रकार की सख्ती नहीं बरती गयी है.