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सिलीगुड़ी को चकाचक करने की मुहिम टांय-टांय फिस्स

सिलीगुड़ी : कल यानी सोमवार को देश-दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जायेगा. सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बैनर तले कई जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे. इन कार्यक्रमों के मारफत एक ही दिन में करोड़ों रूपये पानी की तरह बह भी जायेंगे. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. सिलीगुड़ी […]

सिलीगुड़ी : कल यानी सोमवार को देश-दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जायेगा. सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बैनर तले कई जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे. इन कार्यक्रमों के मारफत एक ही दिन में करोड़ों रूपये पानी की तरह बह भी जायेंगे. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. सिलीगुड़ी को चकाचक करने की निगम की का मुहिम टांय-टांय फिस्स साबित हो रही है. शहर की सूरत सुधरने का नाम नहीं ले रही.
कल पर्यावरण दिवस है इसके बावजूद सिलीगुड़ी शहर इन दिनों कचरे के ढेर पर है. जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है. शहर के मुख्य सड़कें हो या फिर गली-मुहल्ला अधिकांश जगहों पर कचरों का ढेर दिन पर दिन पड़ा रहता है. निगम क्षेत्र के बस्ती इलाके तो और भी बदतर हालत है. बस्ती इलाके के वासिंदे कचरे की बदूब में ही घूट-घूट कर जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
इन इलाकों में न तो कचरा और न ही ड्रेन-नालों की नियमित सफाई होती है. आलम यह है कि अब लोग चौबीस घंटे मच्छरों के आतंक से परेशान रहते हैं. मच्छर अब केवल रात में ही नहीं बल्कि दिन में भी डंक मारने से बाज नहीं आते. निगम के 28 नंबर वार्ड के फ्लाइ ओवर से सटा बस्ती इलाका जहां सुबह से देर रात तक बाजार लगता है, यह क्षेत्र इन दिनों डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो गया है. कई जगहों पर कचरे के ढेर लगे हैं. पूरे इलाके में सब समय बदूब फैलती रहती है
इतना ही नहीं हल्की बारिश में ही पूरे इलाके की सूरत और बदतर हो उठती है. पूरा इलाका कादा में तब्दील हो उठता है. जो बारिश के दो दिन बीत जाने के बावजूद नहीं सूखता. बदबू और मच्छरों के लगातार हमलों के बीच बाजार में साग-सब्जी व अन्य दुकान एवं गुमटी लगानेवाले दुकानदार पेट की आगाज की वजह से दिन भर रहने को मजबूर हैं. लेकिन इन समस्याओं की वजह से खरीदार जल्दी से बाजार नहीं आते. स्थानीय एक निवासी राम प्रसाद का कहना है कि हर रोज तो दूर की बात महीने में एक-दो दिन ही कचरा उठता है. ड्रेन-नालें, सड़क वैगरह की सफाई आज से पहले कब हुई हमें याद भी नहीं.
एक युवती लक्ष्मी देवी का कहना है कि चारों ओर गंदगी है. हमेशा बदबू फैलने और मच्छरों के वजह से हमारा जीना मुश्किल हो गया है. इन समस्याओं से मरीज, वृद्ध और बच्चे अधिक परेशानी में हैं. एक दुकानदार विश्वजीत कुमार का कहना है कि इलाके में कभी भी नियमित सफाई नहीं होती है. हमेशा गंदगी, कीचड़, बदबू और मच्छरों के वजह से अब बाजार में खरीदार भी नहीं आना चाहते. इन समस्याओं से हमारे कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है.
इन मुद्दों को लेकर निगम के वाम बोर्ड के सदस्य इसे विरोधी दल का झूठा प्रचार करार देते हैं वहीं, विभागीय अधिकारी हमेशा से ही सफाई कर्मचारियों की कमी का रोना रहते हैं. इस बाबत निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य और सफाई विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) मुकुल सेनगुप्त से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो सका. हांलाकि वाम बोर्ड के एक सदस्य ने अपना नाम प्रकाशित न करने के शर्त पर कहा कि कुछ इलाकों में नियमित सफाई की समस्या है.
ऐसी बात नहीं है कि पूरे शहर में ही नियमित सफाई नहीं हो रही. यह गलत है. यह विरोधी दल की वाम बोर्ड को बदनाम करने की साजिश है. विरोधी हमेशा से ही वाम बोर्ड को बदनाम करने के लिए झूठा प्रचार करते हैं लोगों में गलत फहमियां बढ़ाने का प्रयास करते हैं. सफाई विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि शहर की नियमित साफ-सफाई को लेकर कई समस्याएं हैं. इनमें सबसे प्रमुख समस्या सफाई कर्मचारियों की कमी है. जो कर्मचारी हैं वह भी अब शारीरिक रुप से काफी कमजोर हैं.
इसे लेकर निगम में विरोधी दल के तृणमूल कांग्रेस (तृकां) नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा का कहना है कि दो वर्षों से ही सिलीगुड़ी का विकास थम चुका है. साफ-सफाई तो दूर की बात मेयर अशोक भट्टाचर्य के नेतृत्व में वर्तमान बोर्ड हर मोरचे पर फिसड्डी साबित हो रही है. सभी समस्याओं को लेकर तृकां जल्द ही वाम बोर्ड के विरूद्ध निगम में लगातार आंदोलन करेगी.

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