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चाइनीज सहित हर प्रकार के मांझा के प्रयोग पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने लगायी रोक

Bengal news : कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata high court) ने मंगलवार (30 जून, 2020) को चाइनीज सहित सभी प्रकार के मांझा के प्रयोग और बिक्री पर रोक लगा दिया है. अब राज्य में कहीं भी पतंग उड़ाने के लिए मांझा का प्रयोग नहीं किया जा सकता. ऐसा ही आदेश मंगलवार (30 जून, 2020) को कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय के डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई से दौरान दिया.

Bengal news : कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata high court) ने मंगलवार (30 जून, 2020) को चाइनीज सहित सभी प्रकार के मांझा के प्रयोग और बिक्री पर रोक लगा दिया है. अब राज्य में कहीं भी पतंग उड़ाने के लिए मांझा का प्रयोग नहीं किया जा सकता. ऐसा ही आदेश मंगलवार (30 जून, 2020) को कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय के डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई से दौरान दिया.

हाईकोर्ट ने निर्देश देने के साथ-साथ यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार (Mamata government) को इसे कठोरता से पालन कराना होगा. साथ ही इस प्रतिबंध के बारे में व्यापक रूप से प्रचार- प्रसार करना होगा. गौरतलब है कि चाइनीज मांझा के प्रयोग से महानगर में 2017 के बाद से कई दुर्घटनाएं हुई हैं. इसे लेकर करुणामई सामंत नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

याचिका में बताया गया है कि 27 दिसंबर, 2017 को पहली बार मा फ्लाईओवर पर चाइनीज मांझा के कारण दुर्घटना हुई थी, जिसमें एक बच्चा घायल हुआ था. इसके पश्चात कोलकाता के इकबालपुर में चाइनीज मांझा से घायल हुए व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.

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बताया गया है कि महानगर के कई फ्लाईओवर जैसे तिलजला, तपसिया, करया, बेनियापुकुर व इंटाली सहित कई क्षेत्रों में चाइनीज मांझा से कई लोग घायल हुए हैं और कईयों की मौत हुई है. बताया गया है कि इससे पहले भी ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चाइनीज मांझा के प्रयोग और बिक्री पर रोक लगायी थी. लेकिन, राज्य सरकार इस आदेश का पालन नहीं करा पायी थी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से यह दुर्घटनाएं हो रही है. मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार मामले को लेकर उदासीन नहीं है. चाइनीज मांझा के प्रयोग को बंद करने के लिए राज्य सरकार ने 25 मार्च को एक विज्ञप्ति जारी की थी. किन- किन जगहों पर चाइनीज मांझा का प्रयोग किया जा रहा है, इसकी पहचान के लिए ड्रोन कैमरे का भी प्रयोग किया जा रह है.

हाइकोर्ट ने कहा कि आपने भले ही विज्ञप्ति जारी कर दी हो, लेकिन इसका प्रचार नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रतिबंध के बारे में व्यापक प्रचार करने का आदेश दिया. साथ ही ड्रोन के माध्यम से निगरानी करने की भी अनुमति दी.

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