इसी बैठक को विमल गुरुंग, मोरचा महासचिव रोशन गिरि, सहसचिव विनय तामांग, स्वराज थापा, पी अर्जुन, रमेश आले, नेपाली साहित्यकार डॉ जीवन नामदुंग, नेपाली साहित्य अकादमी के सदस्य प्रेम प्रधान, गोरखा दुख निवारक सम्मेलन के अध्यक्ष पेम्बा बम्जन, संत रॉबर्ट स्कूल के फादर पीटर, संत जोसेफ कॉलेज के प्राचार्य प्रभात मुखिया, डेरिक प्रधान, संत पाल्स स्कूल के आरजे आदि ने भाषण दिया था. उसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर शुक्रवार को इन सभी के खिलाफ पुलिस ने 120बी, 153 एबी, 505 और 34 आइपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले को लेकर यहां के सांसद तथा केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार पहाड़ के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है.
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दूसरे दिन भी बंद रहे स्कूल
दार्जिलिंग: भड़काउ भाषण देने के आरोप में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग सहित मोरचा के शीर्ष नेताओं, साहित्यकारों, स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों तथा प्रिंसिपल के खिलाफ सदर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. 30 मई को यहां के गोरखा रंगमंच भवन में गोजमुमो ने राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने को […]
दार्जिलिंग: भड़काउ भाषण देने के आरोप में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग सहित मोरचा के शीर्ष नेताओं, साहित्यकारों, स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों तथा प्रिंसिपल के खिलाफ सदर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. 30 मई को यहां के गोरखा रंगमंच भवन में गोजमुमो ने राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी.
इस बीच, इस मुद्दे को लेकर गोजमुमो द्वारा दो दिवसीय स्कूल बंद के दूसरे दिन भी असर रहा. पहाड के सभी स्कूल व कॉलेज बंद रहे. इस बंद को सफल बनाने के लिए गोजमुमो ने स्कूलों व कालेजों के शिक्षकों तथा प्रभारियों का आभार प्रकट किया है.
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