पश्चिम बंगाल शाखा इसे गंभीरता से लेते हुए जल्द ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को एक प्रस्ताव देगा. आइएमए के अनुसार देश के किसी भी कोने में प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों को परची (प्रेसक्रिप्शन) पर अनिवार्य रूप से एमसीआई से प्राप्त रजिस्ट्रेशन नंबर तथा डिग्रियों की जानकारी देनी होगी. आइएमए के अनुसार इससे फरजी मामलों पर नकेल कसी जा सकेगी. इस विषय में ज्यादा जानने के लिए हमने वेस्ट बंगाल अाइएमए के सचिव डॉ शांतनु सेन से बात की. उन्होंने हमें बताया कि फरजी चिकित्सकों की गिरफ्तारी से हम परेशान हैं. ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए यह प्रस्ताव दिया जायेगा.
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दवा की परची पर डॉक्टरों को लिखना होगा रजिट्रेशन नंबर
कोलकाता: राज्य में नकली डॉक्टरों का जाल सा बिछा हुआ है. पिछले कुछ दिनों में सीआइडी ने अभियान चला कर राज्य भर से करीब सात नकली चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये चिकित्सकों में महानगर के मिटों पार्क स्थित बेलव्यू क्लीनिक में कार्यरत फरजी डॉक्टर नरेंद्र पांडेय भी शामिल हैं. फरजी डॉक्टरों की […]
कोलकाता: राज्य में नकली डॉक्टरों का जाल सा बिछा हुआ है. पिछले कुछ दिनों में सीआइडी ने अभियान चला कर राज्य भर से करीब सात नकली चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये चिकित्सकों में महानगर के मिटों पार्क स्थित बेलव्यू क्लीनिक में कार्यरत फरजी डॉक्टर नरेंद्र पांडेय भी शामिल हैं.
फरजी डॉक्टरों की गिरफ्तारी से राज्य सरकार की भी नींद उड़ी हुई है. इसी के मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से विशेष पहल की गयी है. नकली चिकित्सकों पर नकेल कसने के लिए आइएमए, पश्चिम बंगाल शाखा की ओर से यह पहल की गयी है.
अब तक गिरफ्तार फरजी चिकित्सकों के नाम
नरेंद्र पांडेय, बेलव्यू क्लीनिक, कोलकाता
तन्मय प्रमाणिक, पूर्व मेदिनीपुर जिला
कैजर आलम, उत्तर दिनाजपुर
सिद्धार्थ कर्मकार, मालदा
अनिसूल हक, मालदा
स्नेहाशीष चक्रवर्ती, जलपाईगुड़ी
काशी राय हल्दार, अलीपुरद्वार
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