श्री बनर्जी ने कहा कि श्री चक्रवर्ती ने 25 मई को नोटिस दिया था कि उनके साथ 20 विधायकों को पुलिस ने नवान्न में घुसने की अनुमति नहीं देकर उन लोगों के कार्य में बाधा उत्पन्न की है और विधानसभा व विधायक की मर्यादा का हनन किया है तथा उनकी गिरफ्तारी की सूचना भी विधानसभा अध्यक्ष को नहीं दी थी. इस कारण पुलिस महानिदेशक व हावड़ा पुलिस आयुक्त के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जायेगा.
श्री बनर्जी ने श्री चक्रवर्ती की अनुपस्थिति में दिये गये अपने रूलिंग में कहा कि हावड़ा पुलिस आयुक्त द्वारा श्री चक्रवर्ती की गिरफ्तारी व बेल पर रिहा होने की सूचना उन्हें दी थी और चूंकि उसी दिन गिरफ्तारी व जमानत दोनों मिल गयी थी. उस कारण इसका उल्लेख नहीं किया गया. पुलिस ने बताया है कि नवान्न में धारा 144 लगी हुई है, लेकिन श्री चक्रवर्ती व विधायकों को रोकने के बावजूद उन लोगों ने धारा का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि श्री चक्रवर्ती 22 मई को दोपहर तक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे और उन लोगों ने उन्हें सूचित नहीं किया था कि वे लोग नवान्न जा रहे हैं.
ऐसी स्थिति में श्री चक्रवर्ती ने खुद ही विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचायी है. इसके साथ ही यह घटना 22 को घटी. उसके बाद 23 और 24 को वह विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे, लेकिन 25 को नोटिस दिया. इससे ही साबित हो जाता है कि वह इस मामले को लेकर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि पुलिस अधिकारियों ने विधायकों की मर्यादा में कोई ठेस नहीं पहुंचायी, वरन माकपा विधायकों ने ही कानून की अवज्ञा की है.