कोलकाता: माकपा ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस द्वारा झारखंड के पलामू लोकसभा सीट के लिए कामेश्वर बैठा को टिकट दिये जाने को लेकर कई सवाल खड़े किये. बैठा पूर्व माओवादी हैं और जेल में भी रह चुके हैं.
माकपा के राज्य सचिव विमान बसु ने कहा कि अगर आप किसी पर आरोप लगाते हैं, तो वह दोषी नहीं हो जाता, लेकिन जब आप जेल में रह चुके हैं, तो इसका अर्थ है कि कानून ने आपको दोषी ठहराया है.
अपनी सजा पूरी कर बाहर आनेवाले को चुनाव लड़ने का टिकट कैसे दिया जा सकता है? बैठा पहले झामुमो के साथ थे और कुछ दिन पहले ही उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा. श्री बसु ने कहा कि इससे ईमानदारी के संबंध में तृणमूल के दावे की विसंगति का पता लगता है. यह लोगों को तय करना है कि कौन ईमानदार है और कौन ईमानदार नहीं. वरिष्ठ वाम मोरचा नेता ने तृणमूल के उन दावों का भी उपहास किया कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में सभी 42 सीटों पर विजयी होगी और केंद्र में अगली सरकार एक संघीय मोरचा बनायेगा. माकपा नेता ने कहा कि तृणमूल में वरिष्ठ से लेकर छोटे नेता, हर कोई दावा कर रहा है कि तृणमूल बंगाल में 42 सीटें जीतेगी. ऐसे बचकाना दावों का क्या कहा जा सकता है? वे जो सपना देखना चाहते हैं, उन्हें देखने दीजिये.