इसका नाम होमियोपैथी के प्रसिद्ध चिकित्सक भोला चक्रवर्ती के नाम पर रखा गया है. उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला में जैव-भौतिकी और जैव रसायन आधारित अनुसंधान पर जोर दिया जायेगा. श्री राय ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि इसका नाम प्रसिद्ध चिकित्सक के नाम पर रखा जाये, जिसने अपने राज्य को गौरव दिलाया और इसलिए हमने डॉ भोलाराम चक्रवती के नाम पर केंद्र का नाम रखा है.
उन्होंने कहा कि आइआइइएसटी पहले से ही बेहतरीन इंजीनियरिंग संस्थानों में शामिल रहा है और यदि इसके संकाय में वृद्धि हो जाये तो यह शीर्ष दस में शामिल हो जायेगा. श्री राय ने कहा कि हाल ही में एचआरडी रैंकिंग के अनुसार हम देश में लागभग सभी आइआइटी से ऊपर हैं.
कोष संबंधी बाधाओं पर विचार किया जाये तो यह कोई छोटी बात नहीं है. श्री राय ने कहा कि हमारे छात्रों ने सियाचिन पर एक परियोजना तैयार की है, जो सीमा क्षेत्र में ऊंचाई वाले क्षेत्र पर एक संयुक्त अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के बारे में बात करती है और यह भारत-पाक तनाव का हल हो सकता है. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को परियोजना की रिपोर्ट पेश करेंगे.