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परमार्थ के लिए कैकेयी ने सहा अपमान
कथा की रजत जयंती वर्ष के मद्देनजर कोलकाता में 25 नवंबर से 3 दिसंबर तक नौ दिवसीय मानस समागम कोलकाता : श्री राम चरित मानस का आधार स्तंभ परिवार है. मां कैकेयी को लोग इसलिए नहीं भूल पाये, क्योंकि उन्होंने बहुत बड़ा त्याग किया था. समाज उसी को मानता है, जो त्याग करता है. परिवार […]
कथा की रजत जयंती वर्ष के मद्देनजर कोलकाता में 25 नवंबर से 3 दिसंबर तक नौ दिवसीय मानस समागम
कोलकाता : श्री राम चरित मानस का आधार स्तंभ परिवार है. मां कैकेयी को लोग इसलिए नहीं भूल पाये, क्योंकि उन्होंने बहुत बड़ा त्याग किया था. समाज उसी को मानता है, जो त्याग करता है.
परिवार में उसी की अहमियत होती है, जो सब से ज्यादा त्याग करता है. समाज के लिए जो जिता है, वह परमार्थ के लिए जिता है. मां कैकेयी का जीवन परमार्थ के लिए था, परमार्थ के लिए ही उन्होंने इतना बड़ा अपमान सहा और त्याग किया. उक्त बातें हम रामजी के रामजी हमारे हैं, ट्रस्ट के तत्वावधान में मानस समागम में प्रवचन करते हुए पूज्य संत प्रेम मूर्ति प्रेमभूषण जी महाराज ने सत्संग भवन में कहीं. भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मां कैकेयी का जीवन हमारे लिए बंदनीय है. लंका से लौटने के बाद भगवान राम सबसे पहले मां कैकेयी से मिलने जाते हैं. क्योंकि राम यह मानते हैं कि मां कैकेयी के चलते ही समाज का कल्याण उनके हाथों हुआ. दुर्भाग्य है कि तथाकथित कथा वाचक मां कैकेयी के चरित्र को लोगों के सामने ठीक से नहीं रख पाये.
पूज्य संत प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि कभी-भी देवकोटी में जाने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि देवकोटी से ज्यादा मानव तन की महिमा बतायी गयी है. मनुष्य का तन सत कार्यों का फल होता है, पूर्णों का फल नहीं. हमें किसी भी परिस्थिति में कुसंग का संग नहीं करना चाहिए. कपिला गाय को हरहा गाय से संग (दोस्ती) नहीं करनी चाहिए. श्री महाराज ने भक्तों से अग्रह करते हुए कहा कि रामचरित मानस जीवन का ग्रंथ है, इसका पाठ ना करें बल्कि इसे जीयें.
कार्यक्रम के समापन पर पूज्य संत प्रेम मूर्ति प्रेमभूषण जी महाराज के कृपापात्र राजन जी महाराज और प्रभात खबर (कोलकाता) के संपादक तारकेश्वर मिश्र ने कहा : महाराज श्री 25 वर्षों से अपने देश-विदेश के भक्तों के बीच श्रीराम कथा का वाचन करते आ रहे हैं. कथा की रजत जयंती वर्ष के मद्देनजर कोलकाता में भी 25 नवंबर से 3 दिसंबर तक नौ दिवसीय मानस समागम का आयोजन बड़ाबाजार के सत्संग भवन में होगा.
इस दौरान सुप्रसिद्ध समाजसेवी लक्ष्मीकांत तिवारी ने महाराज श्री का स्वागत माल्यार्पण कर किया. इस अवसर पर जय प्रकाश सिंह, विनय दूबे, भोलाप्रसाद सोनकर, सुशील कोठारी, महावीर प्रसाद रावत, चंद्रधर उपाध्याय, विजेंद्र सिंह, जेपी गुप्ता, दीपक मिश्र, सुभाष शर्मा, अशोक तिवारी सहित महानगर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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