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पंचायत चुनाव की तैयारी: उपचुनाव से भाजपा को दिखी उम्मीद की किरण

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी तेजी से उभरती नजर आ रही है. राज्य की एक मात्र कांथी दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा का जनाधार जिस तरह से बढ़ा है, इससे केंद्रीय नेतृत्व का बंगाल में जनाधार बढ़ाने का रास्ता भी साफ दिख रहा है. यही कारण है […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी तेजी से उभरती नजर आ रही है. राज्य की एक मात्र कांथी दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा का जनाधार जिस तरह से बढ़ा है, इससे केंद्रीय नेतृत्व का बंगाल में जनाधार बढ़ाने का रास्ता भी साफ दिख रहा है. यही कारण है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व बंगाल पर विशेष ध्यान दे रहा है.
भाजपा के 36 से भी अधिक केंद्रीय नेता पिछले एक सप्ताह से बंगाल दौरे पर हैं और राज्य के विभिन्न जिलों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं.
इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने विशेष बातचीत के दौरान बताया कि उपचुनाव में भाजपा को मिले वोट यह दर्शाते हैं कि यहां भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बन चुकी है. इसे देखते हुए भाजपा यहां अगले वर्ष होनेवाले पंचायत चुनाव में अभी भागीदारी बढ़ाना चाहती है. उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के पहले सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने के लिए भाजपा ने विशेष वाहिनी का गठन करने का फैसला किया है.
यह वाहिनी भाजपा के 10 हजार कार्यकर्ताओं को लेकर तैयार की गयी है, जो 26 अप्रैल से राज्य के सभी जिलों के पार्टी के लिए प्रचार शुरू करेंगे. इस वाहिनी के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये एकाधिक विकास योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारियां देंगे और उन्हें यह सुविधा मिल रही है या नहीं, इसकी भी जानकारी लेंगे. उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल से 15 दिनों तक यह वाहिनी प्रचार अभियान चलायेगी. पंचायत चुनाव के पहले भी यह वाहिनी सभी जिलों में इसी प्रकार से प्रचार अभियान चलायेगी.
कांथी दक्षिण उपचुनाव में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भाजपा को मिले 350 फीसदी अिधक वोट
कांथी दक्षिण सीट पर एक वर्ष पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15,223 वोट मिले थे और इस बार उपचुनाव में भाजपा को लगभग 350 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं. उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सौमेंद्र नाथ जेना को 52,843 वोट मिले हैं. इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन राज्य की अन्य विरोधी पार्टियां भाजपा के मुकाबले कमजोर होती जा रही हैं. वर्ष 2016 में वाममोरचा व कांग्रेस ने गंठजोड़ कर चुनाव लड़ा था और वहां उन्हें 59,469 वोट मिले थे, लेकिन उपचुनाव में वाममोरचा को कुल मिला कर मात्र 20 हजार वोट मिले हैं. वाममोरचा के घटक दल भाकपा के उम्मीदवार को 17,423 व कांग्रेस को मात्र 2,270 वोट मिले हैं. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के वोटों में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है.
पार्टी 2016 प्रतिशत 2017 प्रतिशत
तृणमूल 93359 53.89 95369 55.89
भाजपा 15223 8.75 52843 30.97
भाकपा 59469 34.21 17423 10.21
कांग्रेस —- —- 2270
एसयूसीआइ 1010 1476
नोटा —- —- 1241 —-
कुल 173803 170622
प्रत्येक बूथ स्तर पर कमेटी गठन करने का काम शुरू
पंचायत स्तर पर अपनी सांगठनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए प्रदेश भाजपा ने बूथ कमेटी पर सदस्यों का जुटाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि अब नेताओं को अधिक से अधिक समय जिलों में बिताना होगा. वहां सांगठनिक शक्ति को और मजबूत करना होगा. प्रत्येक बूथ स्तर पर कमेटी का गठन होगा. बैठक के दौरान उन्होंने प्रदेश व जिला नेताओं को निर्देश देते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्येक सीट पर उम्मीदवार उतारेगी, इसे सुनिश्चित करने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू करनी होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के प्रत्येक जिले में सांगठनिक कार्यों की समीक्षा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अमित शाह बंगाल दौरे पर आ रहे हैं और उनके दौरे के पहले राज्य सरकार यहां उत्तर व दक्षिण बंगाल के प्रत्येक जिले में बूथ कमेटी तैयार करने का काम पूरा कर लेना चाहती है.

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