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जज को पत्र भेजकर रिश्वत की पेशकश
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट के एक जज को रिश्वत देने का पत्र भेजने के आरोप में नारकेलडांगा थाने की पुलिस ने मोहम्मद इहत्तेशाम उर्फ बंपाट (30) नामक एक शातिर आरोपी को अम्हर्स्ट स्ट्रीट से गिरफ्तार किया है. उसके घर से पुलिस को कोलकाता नगर निगम के कई लेटरहेड व रबर स्टांप मिले हैं. मंगलवार को सियालदह […]
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट के एक जज को रिश्वत देने का पत्र भेजने के आरोप में नारकेलडांगा थाने की पुलिस ने मोहम्मद इहत्तेशाम उर्फ बंपाट (30) नामक एक शातिर आरोपी को अम्हर्स्ट स्ट्रीट से गिरफ्तार किया है. उसके घर से पुलिस को कोलकाता नगर निगम के कई लेटरहेड व रबर स्टांप मिले हैं. मंगलवार को सियालदह कोर्ट में पेश करने पर आरोपी को 10 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया गया.
चार मंजिली इमारत के बदले 10 मंजिली बनाने का ऑर्डर देने पर 2.60 करोड़ की पेशकश
क्या है मामला : पुलिस सूत्रों के मुताबिक तीन मार्च को कोलकाता हाइकोर्ट के एक न्यायाधीश को एक पत्र भेजा गया था. पत्र में कहा गया था कि मेरा नाम मोहम्मद शकील है. नारकेलडांगा इलाके में चार मंजिली एक इमारत के बदले अगर वह 10 मंजिली इमारत बनाने का निर्देश दें, तो वह दो करोड़ 60 लाख रुपये तक रिश्वत दे सकता है. इस पत्र के बाद ही न्यायाधीश ने अविलंब मोहम्मद शकील नामक व्यक्ति को अदालत में हाजिर करने का नारकेलडांगा थाने की पुलिस को निर्देश दिया. लेकिन पुलिस जब इलाके से मोहम्मद शकील नामक व्यक्ति को कोर्ट में पेश किया, तो वह निर्दोष निकला. पत्र उसने नहीं भेजा था, इसकी पुष्टि भी हो गयी.
असली अारोपी को पकड़ने का सीपी को अदालत ने दिया निर्देश : मोहम्मद शकील नामक व्यक्ति को बेगुनाह होने के खुलासे के बाद न्यायाधीश ने पुलिस आयुक्त को 17 मार्च को असली आरोपी को ढूंढ़ कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने अंत में अम्हर्स्ट स्ट्रीट इलाके के मोहम्मद इहत्तेशाम उर्फ बंपाट नामक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया. प्राथमिक जांच में उसके घर से कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी व कई वकीलों के 500 से अधिक लेटरपैड जब्त हुए हैं.
रुपये वसूलने के लिए हस्तियों को भेजता था पत्र : पुलिस को प्राथमिक जांच में उसने बताया कि प्रमोटर व व्यापारियों से रुपये वसूलने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर वह हस्तियों को पत्र भेजकर या फोन कर प्रमोटरों को फंसाने का काम करता था. इसके बाद उन्हीं प्रमोटरों को इस मुशीबत से छुटकारा दिलाने के नाम पर उनसे मोटी रकम एेंठने का काम करता था. इस गिरोह में अन्य कई और भी सदस्य शामिल हैं. पुलिस को संदेह है कि हाल ही में हाइकोर्ट में न्यायाधीश को फोन कर बम की अफवाह फैलाने में इसी गैंग का हाथ है. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ हो रही है.
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