उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाकों में पेयजल की समस्या हमेशा ही देखी जाती है. कई बार तो ग्रामीणों को नदी का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है. फसलों की सिंचाई के लिये पीएचइ विभाग पर आश्रित होना पड़ता है. पानी की समस्या के समाधान के लिए कई बार आंदोलन भी हुआ है. इस समस्या को सुलझाने के लिये महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने एक नया कदम उठाया है. पीएचइ परियोजनाओं की देखरेख और जरूरत पड़ने पर तकनीकी समस्या के समाधान की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत प्रधानों को दे दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार महकमा परिषद इलाके में पीएचई की कुल 24 परियोजनाएं हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि बीच-बीच में पानी की पाइप फटने की समस्या आम है. इसकी जानकारी जानकारी मिलने के बाद पंचायत प्रधान पीएचइ को बताते हैं. फिर पीएचइ के अधिकारी कर्मचारियों को लेकर मौके पर आते हैं. उसके बाद समस्या का समाधान किया जाता है. इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है. गरमी के मौसम में ग्रामीणों की समस्या को लेकर महकमा परिषद ने एक बैठक भी हुयी है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने बताया कि ग्रामीण लोगों की समस्या को देखते हुए पेयजल परियोजनाओं की देखरेख और समस्या समाधान की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंप दी गयी है. समस्या की जानकारी मिलते ही पंचायत प्रधान पीएचइ को जानकारी देकर समाधान करेंगे. खर्च का ब्योरा भी पीएचइ को ही सौंपेंगे. ग्राम पंचायत के तत्पर रहने से पेयजल की समस्या काफी हद तक कम हो जायेगी.