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कन्याश्री योजना के कारण बढ़ी माध्यमिक में लड़कियों की संख्या

कन्याश्री योजना पर शोध रिपोर्ट तैयार करेगा कलकत्ता यूनिवर्सिटी का सोशियोलोजी विभाग कोलकाता : राज्य सरकार द्वारा स्कूली छात्राओं के लिए शुरू की गयी कन्याश्री योजना से न केवल गरीब तबके में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, बल्कि इस बार माध्यमिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या भी बढ़ी है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों […]

कन्याश्री योजना पर शोध रिपोर्ट तैयार करेगा कलकत्ता यूनिवर्सिटी का सोशियोलोजी विभाग
कोलकाता : राज्य सरकार द्वारा स्कूली छात्राओं के लिए शुरू की गयी कन्याश्री योजना से न केवल गरीब तबके में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, बल्कि इस बार माध्यमिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या भी बढ़ी है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों व शिक्षाविदों का ऐसा मानना है कि सरकार ने स्कूल के दौरान लड़कियों के खाते में जो पैसा जमा करवाने की मुहिम शुरू की है, उससे माता-पिता में लड़कियों को पढ़ाने का लालच व उत्साह बढ़ा है. लालच, इसलिए कि 18 साल की उम्र तक इन लड़कियों के खाते में फार्म भरने के बाद सरकार की ओर से स्वत: 25,000 रुपये जमा हो जायेंगे. एक गरीब परिवार या घर में काम करनेवाली महिला के लिए यह एक बड़ी रकम है.
इस विषय में हावड़ा शिक्षा निकेतन की प्रधानाध्यापिका निराला कुमारी (ठाकुर) का कहना है कि 13 साल की उम्र में यानी जो लड़की अभी आठवीं में पढ़ रही है, वह फार्म भरना शुरू करेगी तो हर साल 500 रुपये छात्रा के बैंक खाते में जायेगा. जब 18 की हो जायेगी, तो 25,000 उसे मिलेगा. इस योजना के शुरू होने के बाद दाखिले में लड़कियों की संख्या बढ़ी है.
हालांकि इस योजना को लागू करने में स्कूलों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. एक-एक लड़की का बैंक अकाउंट व उसका विवरण संग्रहित करने में काम का बोझ बढ़ जाता है, लेकिन इस योजना से गरीब तबका विशेषकर माताएं काफी खुश हैं. कन्याश्री का लाभ उठाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये तक की सालाना आय का प्रमाणपत्र देना पड़ता है. इस योजना से स्कूली शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक कल्याणमय गांगुली का कहना है कि इस बार का रिकार्ड बताता है कि माध्यमिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है.
कोलकाता सहित नदिया, हावड़ा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण व उत्तर 24 परगना सहित छह जिलों में ही केवल 1,23,813 लड़कियां इस बार माध्यमिक परीक्षा दे रही हैं. इस साल 19,000 लड़कियों ने कन्याश्री योजना में नामांकन किया है. इसके कारण माध्यमिक में लड़कियां ज्यादा अायी हैं. अध्यक्ष ने कहा कि कन्याश्री स्कीम राज्य में काफी सफल हुई है. पिछले साल भी लड़कों की तुलना में लगभग एक लाख ज्यादा लड़कियों ने परीक्षा के लिए नामांकन किया था.
इस योजना से परिवारों को काफी आर्थिक सहायता मिल रही है. उनका प्रोत्साहन बढ़ा है. राज्य सरकार की कन्याश्री योजना पर कलकत्ता विश्वविद्यालय के सोशियोलोजी विभाग द्वारा एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
इससे शिक्षा पर व आर्थिक स्तर पर कितना असर हुआ है, इसकी एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है. शिक्षाविद नृरसिंघप्रसाद भादुड़ी का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री ने जब से यह योजना शुरू की है, तब से गरीब परिवारों में लड़कियों की शिक्षा के प्रति सचेतनता बढ़ी है. घरों में काम करनेवाली महिलाओं में भी बच्चों को पढ़ाने का उत्साह बढ़ा है. यह योजना दूसरे राज्यों के लिए एक उदाहरण है.

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