सरकार ने सेफ ड्राइव सेव लाइफ अभियान चलाया. लेकिन इसकी सफलता पर भी अब सवाल उठ रहे हैं. ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या कोशिशें हो रही हैं? बाइक के प्रति युवाओं का मनोभाव क्या है? प्रभात खबर की ओर से ऐसे कई प्रश्नों के उत्तर जानने की कोशिश की गयी है.
Advertisement
सड़कों पर बिना हेलमेट रफ्तार ले रही जान
कोलकाता: युवाओं में नयी बाइक और तेज रफ्तार का क्रेज बढ़ता जा रहा है. ऊपर से हेलमेट पहनने की भी परवाह नहीं रहती. ऐसे में सड़क पर रफ्तार कभी-कभी बहुत भारी पड़ जा रही है. हाल में सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है. शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर में […]
कोलकाता: युवाओं में नयी बाइक और तेज रफ्तार का क्रेज बढ़ता जा रहा है. ऊपर से हेलमेट पहनने की भी परवाह नहीं रहती. ऐसे में सड़क पर रफ्तार कभी-कभी बहुत भारी पड़ जा रही है. हाल में सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है. शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर में दोस्तों के साथ बाइक रेसिंग के चक्कर में 17 साल के किशोर की मौत हो गयी. इसी तरह तमाम हादसे हुए हैं.
डिफेंसिव ड्राइव की जरूरत : बाइक से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (1) विनीत गोयल ने डिफेंसिव ड्राइव को काफी महत्वपूर्ण बताया है. मसलन वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक नियमों का ध्यान रखते हुए खुद पर नियंत्रण तो जरूरी है. साथ ही सामने वाला वाहन चालक यदि गलती करता है तो हमें यह भी ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा कि बाइक रेसिंग के चलते होने वाले हादसों पर अंकुश के लिए कोलकाता पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाया जाता है. खास तौर पर रात मेें महानगर के महत्वपूर्ण क्रासिंग व फ्लाइओवर पर निगरानी रहती है. इतना ही नहीं महानगर के सभी ट्रैफिक गार्ड में लर्निंग सेंटर चालू किया गया है. लर्निंग सेंटर के जरिये करीब 50 हजार विद्यार्थियों और 20 हजार वाहन चालकों को ड्राइविंग से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गयी है. गोयल ने कहा है कि अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. यानी नाबालिग बच्चों के हाथ में बाइक देना सही नहीं है. यह उन्हें ध्यान रखना चाहिए. कोलकाता पुलिस के अनुसार, वर्ष 2016 के एक जुलाई से 31 दिसंबर के दौरान यानी छह महीनों में महानगर में हुए सड़क हादसों में करीब 195 लोगों की मौत हुई थी लेकिन वर्ष 2012 में इसी अवधि में छह महीनों के दौरान 245, वर्ष 2013 में करीब 226, वर्ष 2014 में एक जुलाई से 31 दिसंबर तक 231 और वर्ष 2015 में 220 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक : मनोचिकित्सक डॉ इंद्रनील साहा ने कहा कि 14 से 20 साल के बीच बच्चों के शारीरिक गठन में तेजी से बदलाव आता है. शरीर के हार्मोन में भी परिवर्तन होता है. बच्चा खुद को आत्मनिर्भर मानने लगता है. शरीर में परिवर्तित होने वाले हार्मोन से शरीर में कई बदलाव होते हैं. इससे मनोभाव बदलता है. यही ऐसा दौर होता है जब बच्चा बाइक राइडिंग के प्रति काफी आकर्षित होता है और उसमें रिस्क टेकिंग की भावना तेजी से आती है. वह खुद को बेहतर साबित करना चाहता है. बच्चों के इस मनोभाव के लिए जेनेटिक मैकअप यानी माता-पिता से कुछ मनोभाव मिलते हैं. यानी ऐसे वक्त में अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए. नाबालिग को बाइक खरीदकर देने की गलती नहीं करनी चाहिए बल्कि उन्हें सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग भी करना चाहिए.
नो हेलमेट नो पेट्रोल योजना की सफलता पर सवाल
सड़क हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से सेफ ड्राइव सेव लाइव, नो हेलमेट नो पेट्रोल योजना शुरू की गयी. महानगर के निकटवर्ती इलाकों जैसे उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, आसनसोल समेत कई ऐसे जिले हैं जहां राज्य सरकार की योजना फ्लॉप नजर आ रही है. मसलन कई ऐसे पेट्रोल पंप मिल जाते हैं जहां बगैर हेलमेट के भी बाइक सवारों को पेट्रोल आसानी से मिल जा रहा है. बिना हेलमेट पेट्रोल लेने वालों में ज्यादातर युवा नजर आते हैं. ऐसी बातों से नो हेलमेट नो पेट्रोल योजना पर सवाल जरूर उठ रहे हैं.
बाइक रेसिंग में चली गयी 17 साल के प्रीतम की जान
दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर में दुखद घटना घटी है. 17 साल के प्रीतम घोष के पिता शायद ही सोचे होंगे कि उनके बेटे की मौत का कारण उपहार स्वरूप दी गयी बाइक बनेगी. बताया जा रहा है कि विगत शुक्रवार की रात जयेनपुर इलाके में कुछ किशोरों का दल बाइक रेसिंग कर रहा था. उसमें प्रीतम भी था. बाइक रेसिंग दुर्घटना का कारण बनी और प्रीतम की दर्दनाक मौत हो गयी. पुलिस का कहना है कि घटना के दौरान प्रीतम ने हेलमेट नहीं पहन रखी थी. पुलिस का कहना है कि ऐसी घटना आये दिन हो रही है. बाइक रेसिंग के चक्कर में कई युवाओं की मौत हो चुकी है.
कोलकाता में सड़क हादसे
वर्ष मृतकों की संख्या
2013 437
2014 450
2015 422
2016 388
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement