अब वह ममता बनर्जी की पार्टी में नहीं रहेंगे. पूरे जिले में मेरे समर्थक हैं, मैं उन लोगों के साथ बातचीत कर तय करूंगा कि भविष्य में क्या फैसला लिया जायेगा. गौरतलब है कि नौ फरवरी को इसलामपुर कॉलेज में छात्र संसद के चुनाव के दौरान विवाद हुआ था. उसके बाद ही तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अब्दुल करीम चौधरी को कॉलेज की परिचालन समिति के अध्यक्ष व उत्तर बंग विकास परिषद के चेयरमैन पद से हटा दिया था. इस अपमान की वजह से ही उन्होंने यह निर्णय लिया. इस संबंध में जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अमल आचार्य ने बताया कि वह पार्टी में रहेंगे या नहीं, यह उनका व्यक्तिगत फैसला है. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि कॉलेज में हुए संघर्ष के दिन उनकी गतिविधियां ठीक नहीं थीं.
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राज्य के पूर्व मंत्री अब्दुल करीम ने छोड़ी पार्टी
कोलकाता: ममता बनर्जी ने सम्मान के साथ पार्टी में बुलाया था और आज बेइज्जत कर निकाल दिया. ऐसी ही प्रतिक्रिया तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री ने पार्टी छोड़ने से पहले की. मंगलवार को उन्होंने अपने आवास पर पार्टी छोड़ने की घोषणा की. इसलामपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए […]
कोलकाता: ममता बनर्जी ने सम्मान के साथ पार्टी में बुलाया था और आज बेइज्जत कर निकाल दिया. ऐसी ही प्रतिक्रिया तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री ने पार्टी छोड़ने से पहले की. मंगलवार को उन्होंने अपने आवास पर पार्टी छोड़ने की घोषणा की. इसलामपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि इसलामपुर में जनसमर्थन का बागान उन्होंने काफी दिनों तक बचाये रखा था. सरकार ने भले ही यहां के लिए कुछ किया नहीं, लेकिन उनके पूर्वजों ने 1970 से यहां के लोगों की सेवा की है.
यहां पर पहले भी राजनीतिक पार्टियां थीं, लेकिन कभी कोई संघर्ष नहीं हुआ. लेकिन आज स्थिति बदल गयी है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने सम्मान के साथ पार्टी में बुलाया था और आज बेइज्जत कर निकाल दिया. अब बेइज्जत होकर इस पार्टी में वह रहना नहीं चाहते हैं.
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