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पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा व तोड़फोड़, विपक्ष के नेता मन्नान घायल

विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान निलंबित दो दिन तक विस का बायकाट करेगा विपक्ष कोलकाता : संपत्ति नुकसान मुआवजा संशोधन विधेयक को लेकर बुधवार को राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मन्नान को निलंबित कर दिया. इसका कांग्रेस और वाम दलों […]

विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान निलंबित दो दिन तक विस का बायकाट करेगा विपक्ष
कोलकाता : संपत्ति नुकसान मुआवजा संशोधन विधेयक को लेकर बुधवार को राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मन्नान को निलंबित कर दिया. इसका कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने कड़ा विरोध किया. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों व सुरक्षाकर्मियों में धक्का-मुक्की व हाथापाई हो गयी. इसमें मन्नान घायल हो गये. उन्हें तत्काल लेनिन सरणी स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. वह आइसीयू में भरती हैं. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, उन्हें अस्थायी तौर पर पेसमेकर लगाया गया है. माकपा नेता सूर्यकांत मिश्र व सुजन चक्रवर्ती ने अस्पताल जाकर मन्नान के स्वास्थ्य की जानकारी ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी मामले की जानकारी दी गयी है.
दो दिन तक विस सत्र का बायकाट: कांग्रेस व वाम मोरचा विधायकों के साथ कथित हाथापाई में 11 सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गये हैं. घटना के खिलाफ कांग्रेस व वाम मोरचा विधायकों ने गुरुवार व शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने की घोषणा की है.
विपक्षी दल 10 फरवरी को राज्य बजट का भी बहिष्कार करेंगे, जबकि राज्य सरकार ने साफ कर दिया कि निजी व सरकारी संपत्ति का नुकसान करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को इसका सामूहिक मुआवजा देना होगा.
क्या हुआ विधानसभा में: बुधवार को विधानसभा में भोजनावकाश के बाद शुरू हुए सत्र के दौरान संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 को पेश किया. इस विधेयक में निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सजा के साथ सामूहिक हर्जाना वसूलने का प्रावधान किया गया है. कांग्रेस व वामपंथी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. इसके विरोध में कांग्रेस व वाम मोरचा के विधायक पूर्व में तृणमूल कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर विधानसभा में तोड़फोड़ किये जाने से संबंधित पोस्टर को पहन कर सदन में पहुंचे थे. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विपक्षी सदस्यों को पोस्टर हटाने का निर्देश दिया. यही नहीं, विधेयक में संशोधन के मन्नान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. इसे लेकर कांग्रेस सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया.
अध्यक्ष ने विधायकों से पोस्टर हटाने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. मन्नान, जो विपक्ष के नेता भी हैं, ने अध्यक्ष के निर्देशों को न मानते हुए सदन में में पेश विधेयक को ‘काला कानून’ बताया. अध्यक्ष ने मन्नान से इस पर बहस के लिए इंतजार करने को कहा था. चांपदानी से कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान से अध्यक्ष ने दिनभर के लिए सदन से बाहर चले जाने को कहा, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ. इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 347/348 के तहत मन्नान को सदन से निलंबित कर दिया व मार्शल तथा सुरक्षाकर्मियों को मन्नान को विधानसभा परिसर से बाहर निकालने का निर्देश दिया. इस पर कांग्रेस व वाम मोरचा के विधायक मन्नान को सदन से बाहर ले जाने का विरोध करने लगे व नारेबाजी करनी शुरू कर दी.
इसे लेकर सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस व वाम मोरचा विधायकों के बीच लगभग आधे घंटे तक हाथापाई व खींचतान होती रही. कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती ने राजदंड लेकर भागने की कोशिश की. कांग्रेस की ही प्रतिमा रजक व वाम मोरचा विधायक जहांआरा को सुरक्षाकर्मियों ने जबरन सदन से बाहर निकाल दिया. इस खींचतान में मन्नान अस्वस्थ हो गये. उन्हें स्ट्रेचर पर विधानसभा से बाहर निकाला गया व तत्काल अस्पताल ले जाये गये. इस घटना के खिलाफ कांग्रेस व वाम मोरचा के विधायक विधानसभा से वाकआउट कर गये. बाहर जाकर उन्होंने विधानसभा परिसर में जमकर हंगामा किया. जुलूस निकाला. विधेयक की प्रतियां जलायीं. इस बीच, कांग्रेस विधायक प्रतिमा रजक ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ बदसुलूकी की. उन्होंने पत्रकारों से कहा : सुरक्षाकर्मियों ने मेरी साड़ी पकड़ कर खींचा और मुझे लात मारने की कोशिश की.
बाद में हालांकि विपक्ष की गैरहाजिरी में पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक 2017 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
विधानसभा में तोड़फोड़ का मुआवजा वसूला जायेगा: अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि बुधवार को विधानसभा में विरोधी दल के विधायकों के हंगामे और तोड़फोड़ से सदन की संपत्ति को हुुए नुकसान का मुआवजा वसूला जायेगा. स्पीकर ने कहा कि विधानसभा सचिवालय पूरे मामले की जांच और नुकसान का मूल्यांकन करेगा. नुकसान बाबत मुआवजा लिया जायेगा. गौरतलब है कि बुुधवार को ही विधानसभा में पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2017 पारित हुआ है. इसमें सरकारी व निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजा वसूलने का प्रावधान है.
विधानसभा की कार्यवाही का यह काला दिन है. सरकार की तानाशाही के खिलाफ बजट सहित दो दिनों तक विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया जायेगा.
सुजन चक्रवर्ती, माकपा विधायक दल नेता
सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा. हमने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है.
नेपाल महतो, उपनेता, कांग्रेस विधायक दल.
संसदीय परंपरा और अध्यक्ष की अवमानना की गयी है. अध्यक्ष के निर्देश को नहीं माना गया. सरकारी व निजी संपत्ति का नुकसान किसी को करने नहीं दिया जायेगा. सरकार सुरक्षा व रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

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