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इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग साइट बन रहा अपराध का जरिया

अपराध रोकने के लिए कोलकाता पुलिस तत्पर महानगर में कोलकाता साइबर क्राइम थाना का लगातार जागरूकता अभियान पासवर्ड के लिए स्पेशल कैरेक्टर (‘!’ ‘#’ ‘*’) का करें इस्तेमाल अमित शर्मा कोलकाता : बांकुड़ा की रहनेवाली आकांक्षा शर्मा ने शायद ही कभी सोचा होगा की वह फेसबुक पर जिसे दोस्त बना रही है वही उसकी मौत […]

अपराध रोकने के लिए कोलकाता पुलिस तत्पर
महानगर में कोलकाता साइबर क्राइम थाना का लगातार जागरूकता अभियान
पासवर्ड के लिए स्पेशल कैरेक्टर (‘!’ ‘#’ ‘*’) का करें इस्तेमाल
अमित शर्मा
कोलकाता : बांकुड़ा की रहनेवाली आकांक्षा शर्मा ने शायद ही कभी सोचा होगा की वह फेसबुक पर जिसे दोस्त बना रही है वही उसकी मौत का कारण बनेगा. बात यहां आकांक्षा शर्मा हत्याकांड की हो रही है जिसकी दोस्ती फेसबुक पर उदयन दास नामक ऐसे शख्स से हुई थी जो शुरू से ही उससे झूठ बोलता रहा. खुद को अमेरिका में रहने और काफी संपन्न होने की बात बताकर सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये ही वह आकांक्षा के काफी करीब आने लगा. धीरे-धीरे दोस्ती प्रेम में बदल गयी. जब असलियत मालूम चली तब तक काफी देर हो चुकी थी. आकांक्षा साइको व सीरियल किलर माने जानेवाले उदयन की शिकार बनी. ऐसी ही कई घटनाएं हैं जिसका जरिया सोशल नेवर्किंग साइट है. कभी सोशल नेवर्किंग साइट के जरिये विवाह का प्रलोभन देकर ठगी की घटनाएं होती हैं तो कभी व्यक्तिगत व अश्लील पोस्ट के नाम पर धमकी देने व ब्लैकमेल करने के मामले भी होते हैैं. इतना ही नहीं इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये बैंक फ्रॉड व धोखाधड़ी की कई घटनाएं भी सामने आयी हैं.
इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये होेनेवाले अपराध को रोकने के लिए पुलिस की क्या कोशिश है. यह जानने के लिए कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (5) और संयुक्त आयुक्त (अपराध ,अतिरिक्त प्रभार) विशाल गर्ग से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने उपरोक्त मसले के कई पहलुओं के बारे मेें बताया.
उनका कहना है कि इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये होेनेवाले अपराध को रोकने के लिए पुलिस समय-समय पर जागरूकता शिविर आयोजित करती है. इसमें खासतौर से स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों और युवा वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है. विगत महीने ही महिलाओं के बीच भी कोलकाता पुलिस की साइबर क्राइम थाना की ओर से ऐसे ही शिविर का आयोजन किया गया था. इसे प्रिवेंटिव स्टेप भी कह सकते हैं. यदि किसी साइबर क्राइम की बात सामने आती है तो वो इंवेस्टिगेशन स्टेप के अंतर्गत आता है.
फ्रेंड्स बनाने से पहले बरतें सावधानी
पुलिस अधिकारी विशाल गर्ग ने बताया कि सोशल नेवर्किंग साइट पर एकाउंट बनाने के लिए स्ट्रांग पासवर्ड का व्यवहार करना चाहिए. मसलन पासवर्ड में कम से कम छह शब्द व संख्या का प्रयोग हो. स्पेशल कैरेक्टर (‘!’ ‘#’ ‘*’) का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण होता है. हमेशा कंप्यूटर छोड़ने के पहले देख लें कि फेसबुक अकाउंट लॉग आउट किया गया है या नहीं. फेसबुक पर कई फरजी अकाउंट खोलनेवालों की फ्रेंड्स रिक्वेस्ट आती हैं. हमें किसी को फ्रेंड्स बनाने के पहले हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए.
‘टू-स्टेप वैरिफिकेशन’ इनेवल का आॅपशन एकाउंट की सुरक्षा के लिए अहम है. यदि आप किसी साइबर कैफे में फेसबुक व अन्य सोशल नेवर्किंग साइट का व्यवहार करते हैं तो किबोर्ड पर ‘कंट्रोल+सिफ्ट+एन’ का बटन दबाकर ब्राउजर खोलना सेफ ब्राउजिंग माना जाता है. अपने बैंक अकांउट, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पिन नंबर व अपनी निजी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए.
साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी
एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो वर्ष 2011-2015 तक सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये होनेवाले अपराध सहित साइबर क्राइम के मामलों और गिरफ्तार लोगों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2011 में पूरे देश में सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये होनेवाले अपराध सहित साइबर क्राइम के कुल 2,213 शिकायतें दर्ज हुई जिसमें करीब 1,630 लोगों की गिरफ्तारी हुई. वर्ष 2012 में 3,477 मामलों मेें 2,071 गिरफ्तारी हुई. वर्ष 2013 में 5,693 मामलों में 3,301 लोग गिरफ्तार हुए. वर्ष 2014 में 9,622 मामलों में करीब 5,752 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि वर्ष 2015 में 11,592 मामलों में 8,121 लोगों की गिरफ्तारी हुई.
पश्चिम बंगाल की बात करें तो वर्ष 2011 में 57 मामलों में करीब 27 लोगों की गिरफ्तारी हुई. वर्ष 2012 में मामलों की संख्या बढ़कर 309 हो गयी व इनमें करीब 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वर्ष 2013 में बंगाल में इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये होनेवाले अपराध के कुल 342 मामले हुए जिसमें 309 लोग गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2014 में मामलों की संख्या 355 पहुंची और गिरफ्तार लोगों की संख्या 212 हो गयी. वर्ष 2015 यह मामलों की संख्या 398 हो गयी जबकि गिरफ्तार लोगों की संख्या 287 रही.

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