डेरेक ने कहा कि उनकी पार्टी न तो सदन में व्यवधान डालना चाहती है और न ही आसन के समक्ष आकर दूसरे सदस्यों का समय खराब करना चाहती है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किये जाने के विरोध में हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं. गौरतलब है कि इसी मुद्दे पर गुरुवार को भी तृणमूल सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट किया था. इससे पूर्व जब डेरेक ने अपनी बात रखी तब कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि डेरेक ने जिस व्यक्ति का नाम लिया था, वह सदन का सदस्य नहीं हैं. स्मृति ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सदन के विशेषाधिकार के हनन का अधिकार नहीं है. कपड़ा मंत्री ने आसन से अनुरोध किया कि वह डेरेक की गुरुवार की टिप्पणियों को कार्यवाही से हटा दें. उप-सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि वह रिकॉर्ड की जांच कर फैसला करेंगे.
स्मृति ने जब व्यवस्था का प्रश्न उठाया तब सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री व्यवस्था का प्रश्न कैसे उठा रही हैं. तब उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि उन्हें यह अधिकार है. डेरेक ने जब यह मुद्दा उठाया, उसके बाद अन्नाद्रमुक केवी मैत्रेयन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या दूसरे सदन के सदस्य से जुड़ा मुद्दा राज्यसभा में उठाया जा सकता है. इस पर उप सभापति ने कहा कि सदस्य किसी नागरिक की गिरफ्तारी का मुद्दा उठा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी सदस्य किसी भी नागरिक की हालत या उसके अधिकार का मुद्दा उठा सकता है. मैत्रेयन को हस्तक्षेप न करने के लिए कहते हुए कुरियन ने स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ने गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ कहा है और यह उनकी अपनी राय है. गौरतलब है कि सुदीप बंद्योपाध्याय और लोकसभा के अन्य सदस्य तापस पाल (दोनों ही तृणमूल कांग्रेस से) को सीबीआई ने रोज वैली चिटफंड घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है.