कोलकाता: हावड़ा के जंगलपुर स्थित पेप्सी कंपनी के एक गोदाम में कार्यरत करीब 162 श्रमिकों को अवैध रूप से नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन इंटक व अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन आइयूएफ ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया. कमालगाजी स्थिति पेप्सी कंपनी के कार्यालय के समक्ष सैकड़ों श्रमिकों ने जुटकर प्रदर्शन किया.
बंगाल में पहली दफा कांग्रेस की श्रमिक यूनियन इंटक व अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन आइयूएफ संयुक्त रूप से किसी आंदोलन में शरीक हुए हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश इंटक के उपाध्यक्ष कनक देवनाथ, प्रदेश इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष रमेन पांडेय, देश में आइयूएफ के को-ऑर्डिनेटर संजय आंबरे, प्रदेश इंटक के सचिव दिवाकर पांडेय समेत कई कार्यकर्ता व श्रमिक मौजूद रहे.
श्री देवनाथ ने आरोप लगाया कि पेप्सी कंपनी की सहायिका राधाकृष्ण फूडलैंड प्राइवेट लिमिटेड में करीब पांच वर्षो से कार्यरत श्रमिकों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया. इसका प्रभाव सिर्फ श्रमिकों ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार पर पड़ा है. आरोप के मुताबिक कंपनी श्रमिकों के हित में बनाये गये नियमों का पालन नहीं रही है. इंटक की ओर से मांग की गयी है कि ऐसे श्रमिकों को काम पर फिर से रखा जाये और उन्हें उचित वेतन दिया जाये.
उधर, प्रदेश इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष रमेन पांडेय ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से श्रमिकों की छंटनी करनेवाली कंपनियों में ड्रीम बैक प्राइवेट लिमिटेड, लेजर केबल एंड ल्यूमिनो इंडस्ट्री, ऐसेनिका बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड, रौनक कॉयर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. राज्य की विभिन्न कंपनियों व फैक्टरियों में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा खतरे में है. प्रदेश इंटक के सचिव दिवाकर पांडेय ने आरोप लगाया कि इंटक कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान तृणमूल श्रमिक संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें बाधा देने की कोशिश की गयी. बाद में इस बाबत प्रबंधन को एक ज्ञापन दिया गया.