अब तक की जांच में जो स्थिति सामने आयी है, इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस घटना के पीछे माओवादियों का हाथ हो सकता है. इस हंगामे की साजिश तकरीबन तीन महीने पहले से रची गयी थी. जिसकी भनक राज्य पुलिस को नहीं लग सकी. इसके कारण यह घटना पुलिस की विफलता को साबित करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी संदिग्ध माओवादी गिरफ्तार होते हैं, उन पर यूएपी एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करे. इसके साथ स्थिति पर गहरी निगरानी रखने का भी सीएम ने सीआइडी अधिकारियों को निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद सीआइडी पर जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ गया है.