यह एक बेहद लंबी व जोखिम से भरी प्रक्रिया है, जिसमें कई प्रकार के ऑपरेशन होते हैं. अगर कोई लड़की बनना चाहता है तो उसके लिए फेशियल फेमिनाइजेशन, स्तन वृद्धि, वॉइस फेमिनाइजेशन करना जरूरी है. उम्मीदवारों को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी से भी गुजरना पड़ेगा. 17 से 25 वर्ष की उम्र के बीच के ऐसे लोग जिनका लिंग निर्धारित नहीं हुआ है, अगर वह अपना लिंग बदलवाने के इच्छुक हैं तो वह सरकार की इस पहल का लाभ उठा सकते हैं. लिंग पहचान विकार से ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही यह योजना लागू करने जा रहा है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल राज्य का एेसा पहला सरकारी अस्पताल है, जहां इस प्रकार की सर्जरी होगी. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने यह सुविधा एसएसकेएम अस्पताल में भी आरंभ करने की योजना बनायी है. शुरूआत में एसएसकेएम अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में सहायता प्रदान करेंगे. तीसरे लिंग से संबंध रखने वाला कोई व्यक्ति राज्य स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए आवेदन कर सकता है.