2016 में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी
कोलकाता : अपने विवादास्पद बयानों से पार्टी को मुसीबत में डाल देने वाले माकपा के वरिष्ठ नेता अब्दुल रज्जाक मोल्ला और माकपा के बीच की दूरी एक बड़ी खाई का रूप धारण कर चुकी है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही बगावती तेवर बनाने वाले श्री मोल्ला ने नया संगठन बनाने का एलान किया है. इसका लक्ष्य 2016 के विधानसभा चुनाव में उतरना है.
आने वाले दिनों में यह मंच एक राजनीतिक दल का रूप धारण करेगा. रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान माकपा के इस बागी नेता ने अपने इस संगठन के गठन का आधिकारिक एलान किया. श्री मोल्ला के साथ माकपा से निष्काषित नेता लक्ष्मण सेठ और जलपाईगुड़ी जिला से कांग्रेस विधायक सुखबिलास वर्मा को भी देखा गया.
माकपा के शीर्ष नेताओं को आड़े हाथ लेने के साथ-साथ श्री मोल्ला ने राज्य को पहला दलित मुख्यमंत्री और मुस्लिम उप मुख्यमंत्री देने का संकल्प भी लिया. संगठन का नाम न्याय मंच रखा गया है. उनका नया संगठन राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव लड़ेगा और वह मुख्यमंत्री के पद पर दलित को और उप मुख्यमंत्री के पद पर मुस्लिम को देखना चाहेंगे. माकपा 34 साल तक सत्ता में रही, लेकिन अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्थान के लिए उसने कुछ नहीं किया. वे वर्ग संघर्ष की बात करते हैं, लेकिन जाति व्यवस्था को समाप्त किये बिना आप इसे कैसे प्राप्त करेंगे.
श्री मुल्ला ने माकपा में आंतरिक लोकतंत्र की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में पोलित ब्यूरो से राज्य समिति के स्तर तक सुधार की जरूरत है. तभी आप इस प्रक्रिया को स्थानीय स्तर पर ले जा सकते हैं. माकपा छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले उन्हें मेरे खिलाफ कार्रवाई करने दें.
मैं पार्टी क्यों छोड़ूंगा. फिलहाल यह संगठन वंचितों के लिए संघर्ष करेगा. श्री मोल्ला ने कहा कि नया सवेरा आयेगा. राज्य में असली परिवर्तन लाना ही इस मंच का लक्ष्य होगा. कार्यक्रम में ऑल इंडिया पसमांदा मुसलिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जदयू के सांसद अली अनवर अंसारी भी मौजूद थे.