उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की राजनीति के चलते खड़गपुर महकमा अस्पताल बीमार पड़ गया है. ना डॉक्टर समय पर अस्पताल पहुंचते हैं और ना ही रोगियों को समय पर दवा मिलती है.
शहर का विधायक होने के बावजूद भी रोगी कल्याण समिति की ओर से किसी विषय पर चर्चा के लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया जाता है और ना ही मुझसे कोई सलाह-मशविरा किया जाता है. नियम के अनुसार हर तीन महीने पर एक बैठक होनी चाहिए और इस बैठक के माध्यम से बेहतर सुविधा के नये तरीके तलाशने की कोशिश होनी चाहिए लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है. रोगी बेहतर सुविधा के लिए मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के रुख करते हैं या फिर यहां भर्ती रोगियों को बेहतर चिकित्सा के लिए मेडिकल कॉलेज में भेज दिया जाता है.