केंद्र सरकार को इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, न कि नोटबंदी जैसे निर्णय लेकर आम जनता को परेशान करना चाहिए. ऐसी ही प्रतिक्रिया नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने दी है.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आम लोग ज्यादा परेशान हुए हैं, क्योंकि इनको नहीं पता कि काले धन को कैसे मैनेज किया जाये, जबकि बड़े व्यापारी घोषणा के बाद से ही अपने संसाधनों का प्रयोग कर इस प्रक्रिया में जुट गये थे. आम आदमी इस प्रकार से नहीं सोच सकता. हर व्यक्ति के पास कुछ ना कुछ काला धन है, लेकिन बड़े व्यापारी इस समस्या से निबटने में सफल हैं, जबकि आम जनता परेशान हो रही है. उनका मानना है कि विमुद्रीकरण से देश की सभी समस्याएं दूर हो जायेंगी, ऐसा नहीं लगता. केंद्र सरकार को यह लागू करने से पहले सोचना चाहिए.