राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लगभग तीन हजार श्रमिकों के चहेरे पर इस फैसले से खुशी होगी. दुर्गापूजा के मौके पर तालाबंदी से मजदूरों में मायूसी छा गयी थी. अब जाकर यह मायूसी के बादल छटे है. तालाबंदी को खत्म करने के लिए पांच बैठकें हुईं, लेकिन किसी न किसी मुद्दे पर मामला अड़चन में पड़ जा रहा था. शुक्रवार को राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक की अध्यक्षता में तालाबंदी खत्म करने के लिए बैठक हुई, जिसमें आम सहमति से तालाबंदी शनिवार से खत्म करने के निर्णय लिये गये.
ज्ञात हो कि चार अक्तूबर को तालाबंदी के बाद हताश मजदूरों ने दो घंटे तक कुंती घाट स्टेशन पर रेल अवरोध किया था. श्रमिकों के मुताबिक अक्तूबर के एक तारीख से मजदूरों के मोबाइल फोन पर मैसेज आना शुरू हुआ. मैसेज बोनस को लेकर था, जिसमें 16 हजार 800 की जगह 12 हजार 800 रुपये का आया. इसके बाद श्रमिक अपना कामकाज शाम चार बजे से बंद कर लेबर ऑफिस में पहुंचे, वहां मजदूरों के साथ लेबर ऑफिसर के साथ इस मुद्दे पर विवाद हो गया.
तत्काल पुलिस बुला ली गयी और स्तिथि को काबू में किया गया. इसे लेकर कारखाने में तनाव की स्थिति बनी और मामला जटिल हो गया. देर रात तक इस मुद्दे पर प्रबंधन के साथ यूनियन नेताओं की बैठक हुई थी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल पाया था. सुबह जब मजदूर ड्यूटी पर आये तो मिल गेट पर तालाबंदी की नोटिस पढ़ कर अबाक रह गये थे. इसके बाद श्रमिकों ने सुबह आठ बजे से 10 बजे तक कुंती घाट स्टेशन पर रेल अवरोध किया था.