कोलकाता : भारतीय सेना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इन आरोपों का मजबूती से खंडन किया है कि राज्य सरकार को सूचित किये बिना ही सैन्यकर्मियों को टोल प्लाजा पर तैनात किया गया था और वे पैसे वसूल रहे थे. जीओसी बंगाल एरिया (आफिशियेटिंग) मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि यह स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय से किये जा रहे हैं. पहले 27 और 28 नवंबर को अभ्यास की योजना थी. 28 नवंबर को भारत बंद के आह्वान पर कोलकाता पुलिस के विशेष आग्रह पर तारीखें 30 नवंबर से दो दिसंबर बदली गयी. मेजर यादव ने कहा कि यह अभ्यास कोलकाता पुलिस के साथ समन्वय से किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मेजर जनरल यादव ने कहा कि हम सभी आरोपों से इनकार करते हैं.
ममता ने गुरुवार को आरोप लगाए थे कि राज्य सरकार को सूचित किए बगैर सेना तैनात की गई थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि सैन्यकर्मी वाहनों से पैसा वसूल रहे थे जो उन्हें नहीं करना था. मेजर जनरल यादव ने कहा कि नवंबर 2015 में इसी तरह का एक अभ्यास उत्तरी कमान ने उन्हीं स्थानों में किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 27 नवंबर को कोलकाता पुलिस के दो निरीक्षकों के साथ टोल प्लाजा पर एक टोही अभियान संचालित किया गया था. मेजर जनरल यादव ने कहा कि पुलिस की ओर से उठाए गए मुद्दों का समाधान किया गया था और पुलिस को टेलीफोन से सूचित किया गया था. उन्होंने कहा कि अभियान योजनानुसार जारी रहेगा और आज रात खत्म होगा.
इस क्रम में सेना ने राज्य सरकार को लिखे पत्र भी जारी किए. मेजर जनरल यादव ने कहा, ‘‘यह नौ राज्यों में 80 स्थलों पर अभी चल रहा है. उन्होंने कहा कि डेटा संग्रह का हमारा विशिष्ट लक्ष्य है. 36 घंटे तक काम करने के बाद हमारा काम पूरा हो गया है और हम नबन्न के पास के टोल प्लाजा से हट गए हैं. गुरुवार को रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि सेना देश भर में द्विवार्षिक अभियान संचालित करती है, जिसका लक्ष्य किसी आपात स्थिति में सेना को उपलब्ध कराये जाने वाले ‘लोड कैरियर’ के बारे में सांख्यिकीय डेटा जमा करना होता है. विंग कमांडर एसएस बिर्डी ने कहा था कि इसमें कोई खतरे की बात नहीं है और यह सरकारी आदेश के अनुरुप किया गया है. उन्होंने कहा था कि अभियान यह आकलन देता है कि किसी खास इलाके से कितने वाहन गुजरते हैं जिनकी मदद अभियानों के दौरान की जा सकता हो