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कर भुगतान से बचनेवाले, अब कर भुगतान को इच्छुक
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से बैंकों में नकद जमा की सीमाएं और कर भुगतान की बारीकियों को समझने के प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ गयी है. नकद में काम करनेवाले अब आयकर रिटर्न (आइटी रिटर्न) दाखिल करने के प्रति उत्सुक दिख रहे हैं. पहले जो कर […]
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से बैंकों में नकद जमा की सीमाएं और कर भुगतान की बारीकियों को समझने के प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ गयी है. नकद में काम करनेवाले अब आयकर रिटर्न (आइटी रिटर्न) दाखिल करने के प्रति उत्सुक दिख रहे हैं. पहले जो कर भुगतान करने से बच रहे थे तथा अपने कामकाज नकद में करने को उत्सुक थे. वे अब कर के प्रावधान व उनकी बारीकियों को समझने के लिए चार्टेड एकाउंटेंट (सीए) व सीए फर्मों की मदद ले रहे हैं. इससे अचानक सीए फर्मों व सीए की मांग बढ़ गयी है.
एक वरिष्ठ चार्टेड एकाउंटेंट का कहना है कि जिनके यहां उन लोगों के लंबे समय से पैसे बकाये थे. वे अब न केवल बकाये पैसे के भुगतान करने को उत्सुक हैं, बल्कि यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे उनकी नकद राशि को ह्वाइट मनी में तब्दील की जाये और इस बाबत अपनी नकद राशि को बचाने के लिए कर भुगतान को भी तैयार हैं.
वरिष्ठ चार्टेड एकाउंटेंट का कहना है कि दिसंबर को समाप्त हो रही तिमाही में अग्रिम कर भुगतान में इजाफा होगा, क्योंकि अपनी नकद लेनदेन को ह्वाइट करने के लिए अग्रिम कर भुगतान किये जाने की संभावना है. इसके साथ ही अभी तक कई बैंक खाते बेनामी पड़े हुए थे, लेकिन अब उनमें केवाइसी आदि जोड़ा जा रहे हैं. इससे पैन कार्ड बनानेवालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. साथ ही पहले आयकर रिटर्न की फाइल बनाने के प्रति लोगों की उत्सुकता नहीं होती थी, लेकिन अब लोग न केवल आइटी रिटर्न की फाइल बनवाने को इच्छुक हैं, बल्कि पूरी बैलेंस शीट भी मेनटेन करने को इच्छुक दिख रहे हैं, ताकि उनकी आय-व्यय का ब्यौरा एक नजर में समझा जा सके तथा यदि आयकर विभाग की ओर से नोटिस आता है, तो उसका समुचित जवाब भी दिया जा सके.
वरिष्ठ चार्टेंड एकाउंटेंट का कहना है कि फिलहाल पूरे देश में तीन से चार फीसदी लोग ही आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के कदम के बाद इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आयकर रिटर्न दाखिल करनेवालों का दायरा बढ़ कर 15 से 20 फीसदी तक हो सकता है. आयकर रिटर्न में कम से कम तीन गुणा वृद्धि होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अगले कदम के रूप में बेनामी प्रोपर्टी को निशाना बनाने का संकेत दिया है. इससे लोग आशंकित हैं और नकद राशि से फ्लैट आदि में निवेश करने से भी भय पा रहे हैं, क्योंकि वे नकद खरीदेें या चेक से अपने एकाउंट में उस राशि को दिखानी होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के फैसले से कर व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन होगा तथा अधिक से अधिक लोग कर भुगतान के दायरे में आयेंगे और नकद में लेनदेन पर रोक लगेगी.
बैंक में नकद जमा करने संबंधी मुख्य बातें
1. आप उतना ही नकद जमा कर सकते हैं, जितना 08 नवंबर को आपके खाते (बुक्स) में है.
2. अपने बही खाते में आठ नवंबर तक का ब्यौरा पूरा कर लें, ताकि कोई असुविधा न हो.
3. नकद आप जितनी बार चाहे जमा कर सकते हैं, लेकिन 30 दिसंबर तक ही जमा हो सकता है.
4. सेविंग खातों में पूरे वर्ष भर में आप अधिकतम 10 लाख ही नकद जमा कर सकते हैं.
5. करंट खातों में पूरे वर्ष भर में आप अधिकतम 50 लाख तक ही नकद जमा कर सकते हैं.
6. अप्रैल 2016 के बाद और आठ नवंबर, 2016 के पहले जितनी नकद खातों में भरी गयी है उसे भी ध्यान में लायें.
7. अगर आपकी फर्म ऑडिट में है और आप किसी एक व्यापारी से पूरे वर्ष में दो लाख से ऊपर नकद लेते हैं, तो आपके पास उसका पैन होना अनिवार्य है तथा ऐसे लेनदेन का वार्षिक रिटर्न 31 मई के पहले भरना होगा.
8. व्यापारी अगर पुरानी करेंसी में नकद लाकर देता है तो ध्यान रहे की उसकी बुक्स में एंट्री अाठ नवंबर से पहले हो.
9. अगर आप भी किसी को पुरानी करेंसी में भुगतान करते हैं, तो ध्यान रहे की बुक्स में एंट्री आठ नवंबर से पहले हो तथा यह भी कन्फर्म कर लें कि जिसे आप भुगतान कर रहे हों वह भी उसे अपनी बुक्स में आठ नवंबर से पहले ही दिखाये.
10. मार्केट में तरह-तरह की अफवायें फैली हुई हैं. उन पर ध्यान न दें और जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें तथा कोई भी कदम उठाने से पहले अपने सीए से जरूर कंफर्म कर लें.
11. प्रधानमंत्री द्वारा गृहिणियों लिए 2.50 लाख तक की जमा राशि पर किसी तरह की जांच पड़ताल न करने का जो आश्वाशन दिया गया है. यह उन्हीं गृहिणियों के लिए है, जो इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं. अगर आप रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपके बुक्स में जो राशि है वह आप भर सकते हैं.
12. 200% पेनल्टी की भी चर्चा है. अगर आप इस वर्ष में बढ़ी हुई आय दिखाते हैं तो आप पर 200 फीसदी की पेनल्टी लगेगी, लेकिन 2000 फीसदी की पेनल्टी तभी लगती है जब आपका कैश स्क्रूटिनी में हो और आपकी रिटर्न इनकम और आयकर अधिकारी द्वारा आंकी गयी इनकम में अंतर हो. इस केस में भी पेनल्टी सिर्फ एक्स्ट्रा टैक्स अमाउंट (जो की आयकर अधिकारी भरने को कहता है) पर लगती है ना की पूरी इनकम पर. इसलिए अगर वर्ष 2016-17 में पिछले वर्ष की तुलना में 35 से 40 फीसदी आय बढ़ा कर भी दिखाते हो और उस पर पूरा टैक्स भरते हो तब आपको डरने की जरूरत नहीं है.
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