कोलकाता: राज्यपाल एमके नारायणन के अभिभाषण पर बहस के दौरान विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा. राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने कहा कि यह अभिभाषण नहीं, बल्कि राजनीतिक दलील है.
उन्होंने कहा कि अभिभाषण में पूरे राज्य की आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक चित्र का चित्रण नहीं किया गया है. राज्य सरकार के भाषण को ही राज्यपाल को पढ़ना पड़ता है. इसमें अभिभाषण में नारी सुरक्षा व सारधा मामले की सीबीआइ मांग जैसी बातें नहीं हैं. केंद्र सरकार की परियोजना को राज्य में लागू किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का कोई नाम नहीं है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य विभागों में विकास के संबंध में झूठे वादे किये गये हैं. केंद्रीय परियोजना का जिक्र राज्य सरकार की परियोजना के नाम से किया गया है. संघीय व्यवस्था के तहत केंद्र की योजनाओं के लिए राज्य सरकार को उसे धन्यवाद देना चाहिए था.
सारधा को बचाने की कोशिश
दूसरी ओर, आरएसपी नेता व विधायक सुभाष नस्कर ने कहा कि राज्य सरकार सारधा को बचाने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार की ओर से फंड दिये गये हैं, लेकिन एजेंटों के संबंध में किसी को चिंता नहीं है. आम लोगों के भय से कई एजेंट घर छोड़ कर भागने के लिए बाध्य हुए हैं. उन्होंने इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की.
फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक अली इमरान रम्ज ने कहा कि राज्य में विधानसभा चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री व राज्य मंत्रिमंडल के उनके साथी विधानसभा छोड़ कर उत्तर बंगाल में हैं. हालांकि मुख्यमंत्री कहती हैं कि उन्हें किसी चीज से डर नहीं लगता है, लेकिन वह विपक्ष के सवालों व सीबीआइ से डरती हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विकास का दावा करती हैं, लेकिन भवनों को केवल नीला व सफेद रंग करने के सिवा कोई काम नहीं हुआ है. इससे विकास नहीं हो जाता है.