हावड़ा : मेयर व एमएमआइसी कहना है कि लाइट लगाने के लिए पेड़ का काटना बिल्कुल जरूरी नहीं था. पेड़ के आसपास खाली जगह पर भी लाइट आराम से लगायी जा सकती है. इतने पुराने पीपल के पेड़ को काटने का कोई आैचित्य ही नहीं है. घटना चौंकानेवाली है. यह घटना हावड़ा नगर निगम के वार्ड नंबर 55 की है. प्राण किशोर मजूमदार यहां के पार्षद हैं. जीटी रोड के किनारे जिंदल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मुख्य गेट के पास पीपल का पेड़ है. थोड़ी दूरी पर पार्षद कार्यालय भी है. आरोप है कि स्थानीय तृणमूल नेताओं की देखरेख में मंगलवार दोपहर इस पेड़ को काटने का काम शुरू हुआ.
खबर पाकर मौके पर पहुंचे पत्रकारों से पहले तृणमूल नेताओं ने उनका परिचय पत्र दिखाने के लिए कहा. परिचय देने पर कारण बताया गया कि पेड़ मर चुका था. किसी भी समय गिरने की आशंका थी, इसलिए बिजली विभाग की तरफ से पेड़ काटा जा रहा है, जबकि वहां पर बिजली विभाग की एक भी गाड़ी नहीं थी. स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर बताया गया कि स्थानीय तृणमूल नेता खुद पेड़ कटवा रहे हैं. थोड़ी देर बाद पेड़ कटवा रहे तृणमूल कार्यकर्ता वहां से निकल पड़े, लेकिन पेड़ काटने का काम बदस्तूर जारी रहा. वन विभाग से संपर्क किये जाने पर संबंधित अधिकारी से बताया कि विभाग की ओर से पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी गयी है. पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं स्थानीय थाना से पूछे जाने पर बताया गया कि वन विभाग से जब तक शिकायत नहीं मिलेगी, पुलिस तब तक वहां नहीं जायेगी.
हाइ मास्ट लाइट निगम की ओर से लगाये जा रहे हैं, लेकिन पेड़ काटने की खबर सुन कर मैं हैरान हूं. लाइट लगाने के लिए पेड़ काटना जरूरी है, यह बात मेरी समझ के बाहर है. लाइट कुछ दूरी पर भी लगायी जा सकती है. इसके लिए पेड़ क्यों काटा गया, मुझे नहीं पता.
वैशाली डालमिया, विधायक
पेड़ काटना अन्याय ही नहीं, गैर कानूनी भी है. किसकी इजाजत से पेड़ा काटा गया, यह जानना जरूरी है. पूरे शहर में वृक्षा रोपण किया जा रहा है, वहीं एक पेड़ का काट देना शर्मनाक घटना है. मैं खुद इस पर कार्रवाई करूंगा.
विभाष हाजरा, एमएमआइसी (पार्क)