22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रंग बदला है, नीतियां नहीं : डॉ मुखर्जी

कोलकाता: बेलारूस के मानद कौंसुल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीटय़ूट ऑफ एशियन स्टडीज के चेयरमैन, पत्रकार व समाजसेवी सीताराम शर्मा की पुस्तक वेस्ट बंगाल : चेंजिंग कलर्स, चेंजिंग चैलेंजेज का विमोचन मंगलवार को स्टार मार्क के क्वेस्ट आउटलेट में किया गया. रूपा पब्लिकेशंस के सहयोग से प्रकाशित पुस्तक के विमोचन समारोह के मौके पर विथर […]

कोलकाता: बेलारूस के मानद कौंसुल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीटय़ूट ऑफ एशियन स्टडीज के चेयरमैन, पत्रकार व समाजसेवी सीताराम शर्मा की पुस्तक वेस्ट बंगाल : चेंजिंग कलर्स, चेंजिंग चैलेंजेज का विमोचन मंगलवार को स्टार मार्क के क्वेस्ट आउटलेट में किया गया. रूपा पब्लिकेशंस के सहयोग से प्रकाशित पुस्तक के विमोचन समारोह के मौके पर विथर बंगाल (कहां पर बंगाल) विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया.

परिचर्चा में श्री शर्मा के साथ वरिष्ठ पत्रकार डॉ रुद्रांशु मुखर्जी, माकपा केंद्रीय कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम तथा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो अभिरुप सरकार ने भाग लिया. मौके पर डॉ रुद्रांशु मुखर्जी ने कहा कि सत्ता में परिवर्तन के साथ रंग में बदलाव हुआ है, लेकिन नीतियों में नहीं. राजनीतिक रूप से परिवर्तन हुआ है, लेकिन पुरानी चुनौतियां ही सामने खड़ी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में परिवर्तन परिलक्षित किया जा रहा है. बंगाल की धरती पर यह पहला अवसर है, जब एक दक्षिणपंथी पार्टी भाजपा के नेता ब्रिगेड सभा में इतने लोगों का समावेश करने में सफल रहे हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि बंगाल में सांप्रदायिक सोच बदल रही है, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. सीताराम शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में एक पर्यवेक्षक के रूप में जो देखा है, जो अनुभव किया है, उन्हीं भावनाओं को पुस्तक का आकार दिया है.

पुस्तक में बंगाल के विभाजन से लेकर वामपंथी राजनीति के उत्थान व पतन व ममता बनर्जी के अभ्युदय जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है. वामपंथियों के बिखराव के पीछे उनका किसानों व मजदूरों से दूर होना है. बंगाल में जमीन सदा ही बड़ा मुद्दा रहा है. भूमि सुधार नीति के कारण ही वामपंथी सत्ता में आये थे तथा किसानों से जमीन लेने की प्रक्रिया की शुरुआत के बाद उनकी सत्ता बिखर गयी. मोहम्मद सलीम ने कहा कि वाम मोरचा ने गलतियां की थी. उसमें वे लोग सुधार भी कर रहे हैं. सरकार सफलता के दावे कर रही है, लेकिन वास्तव में जमीनी स्तर पर कुछ हुआ नहीं है.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अभिरुप सरकार ने कहा कि फिलहाल जमीन की समस्या सबसे बड़ी मूलभूत समस्या है. साधनों का अभाव है व फंड की कमी है. राज्य सरकार ईमानदारी से नये साधन व संसाधन जुटाये, जिससे राज्य में उन्नति हो सके. चर्चा का संचालन करते हुए सुनंद कुमार दत्ता-रे ने कहा कि मुख्यमंत्री में विजन है, लेकिन अभी तक वह अपने विजन को वास्तविकता में बदल नहीं पायी हैं. कुसुम मुसद्दी ने अतिथियों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन राजू बर्मन ने किया.

क्या है पुस्तक में : पुस्तक में देश की आजादी के साथ 1947 में बंगाल के विभाजन, 1960-70 के दशक में वामपंथी राजनीति, 34 वर्षो के वामो सरकार के उत्थान-पतन, सिंगुर व नंदीग्राम की घटना, 2011 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार के गठन व कार्यकाल की कुछ अवधि सहित पहलुओं का विेषण किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें