राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन्सटीट्यूट फॉर माइन्स, मिनरल एंड मेटालारजिक साइंसेस लगभग सात एकड़ जमीन पर बनाया जायेगा, जो काजी नजरुल यूनिवर्सिटी के काफी करीब होगा. वर्तमान में राज्य के मात्र 2 संस्थानों में माइनिंग कोर्स की सुविधा उपलब्ध है. पहला आइआइटी, खड़गपुर व दूसरा आइआइईएसटी, शिवपुर में यह कोर्स उपलब्ध है.
आइआइईएसटी, शिवपुर राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय है. बेसु के सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले राज्य के अन्य मेधावी छात्रों को विभाग में सीट नहीं मिल रहा है. इसी को ध्यान में रखकर बंगाल अपना एक उत्खनन स्कूल खोलने जा रही है. यह संस्थान उद्योग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करेगा. यहां कोयले की कई खानें हैं. इस नजरिये से इस संस्थान के खुलने से भविष्य में आैद्योगिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं. नये संस्थान में राज्य के कई छात्रों को उत्खनन के बारे में नयी जानकारियां मिलेंगी.