कोलकाता: केंद्रीय जूट मिल खड़दह एनजीएमसी जूट मिल पीएफ के रकम के विवाद को लेकर नहीं खुल पा रही है. प्रबंधन ने हाल में टेंडर के माध्यम से मिल चलाने के लिए जेंसिस इंटरनेशनल को ठेका दिया है.
प्रबंधन नये ठेकदार को प्रति टन माल के हिसाब से भुगतान करेगी. नये ठेकेदार ने मिल को खोलने के लिए नये नियम व शर्त पर हस्ताक्षर करने के लिए श्रमिक यूनियनों से आवेदन किया था, लेकिन पुराने पीएफ के रकम के विवाद को लेकर मामला बीच में फंसा हुआ है. इधर, प्रबंधन का कहना है कि जो भी मामला है उसे कर्मचारियों को नये ठेकेदार के साथ बैठ कर समाधान करना होगा. कर्मचारियों की नियुक्ति करने का काम नये ठेकेदार का है. सभी कर्मचारी ठेकेदार के अधीन कार्यरत है.
इस संबंध में मिल के राष्ट्रीय चटकल मजदूर यूनियन के सचिव मोहम्मद अली ने बताया कि नये ठेकेदार पुराने पीएफ व ईएसआई को नये एकाउंट में ट्रांसफर करने से कतरा रही है. प्रबंधन कर्मचारियों के बकाया पीएफ की रकम को पुराने ठेकेदार पवन सुत से दिलाने के लिए कोई गारंटी नहीं दे रही है, जिसके वजह से कर्मचारियों में अपने बकाया को लेकर दुविधा बनी हुई है.
गौरतलब है कि प्रबंधन ने नौ सितंबर को उत्पादन में घाटा का कारण दिखा कर मिल को बंद कर दिया था. मिल में 1500 कर्मचारी कार्यरत है. इस संबंध में मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीके सरण ने बताया कि मिल ने टेंडर के माध्यम से जेंसिस इंटरनेशनल को 20 जनवरी को कंपनी चलाने का ठेका दिया था. नये ठेकेदार ने 30 जनवरी से मिल को खोलने के लिए 27 जनवरी को श्रमिक यूनियनों को लेकर बैठक बुलायी थी. बैठक में पीएफ के मुद्दे को लेकर कर्मचारियों की आपत्ति होने के वजह से मिल खुल नहीं पाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को मिल को खुलने देना चाहिए था, उनके पीएफ के विवाद को बाद में सुलझा लिया जाता. पुराने ठेकेदार की यदि पीएफ चुकाने में कोई गड़बड़ी की शिकायत मिलेगी, तो प्रबंधन उससे बात कर मामला सुलझा लेगी. इस समस्या के समाधान करने के लिए प्रबंधन ने अभी भी पुराने ठेकेदार को लाखों रुपये रोक कर रखा है. उन्होंने कर्मचारियों और नये ठेकेदार को बातचीत कर अविलंब मिल को खोलने पर जोर दिया.