कोलकाता: सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की कोलकाता पीठ ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक जीएमपी रेड्डी समेत पांच आइपीएस अधिकारियों के पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति को खारिज कर दिया है.
1981 बैच के आइपीएस अधिकारी नजरूल इसलाम ने डीजीपी पद पर पदोन्नति को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चुनौती दी थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कैट ने इन अधिकारियों की डीजीपी के रूप में नियुक्ति को खारिज कर दिया है. इससे डीजीपी के पांच पद रिक्त हो जायेंगे. ये पांच अधिकारी हैं, पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक जीएमपी रेड्डी, रविंद्रजीत सिंह नलवा (डीजीपी होमगार्ड), विजय कुमार (डीजीपी, प्रवर्तन), अनिल कुमार (डीजीपी सशस्त्र पुलिस) तथा राज कनौजिया (डीजीपी तट सुरक्षा). नजरूल इस्लाम के वकील सुरोजित सामंत ने बताया कि आरटीआइ से मिली सूचना के आधार पर आइपीएस अधिकारी ने याचिका में दावा किया था कि 5 दिसंबर, 2012 को गठित चयन समिति संविधान के अनुरूप नहीं है.
कमेटी के सदस्यों ने चयन प्रक्रिया में नियम के अनुसार काम नहीं किया है.
राज्य के महाधिवक्ता ने ट्रिब्यूनल में याचिका का विरोध किया था. न्यायधीश (अवकाशप्राप्त) प्रताप कुमार राय न्यायिक सदस्य व प्रशासनिक सदस्य आर बंद्योपाध्याय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चयन के लिए गठित कमेटी अवैध थी. इस कारण इस कमेटी द्वारा लिये गये निर्णय खारिज किये जाते हैं.
क्या कहा सरकार ने
गृह सचिव बासुदेव बनर्जी ने कहा कि सरकार को इस फैसले की प्रति नहीं मिली है. मामले में राज्य सरकार के पास कानूनी लड़ाई का विकल्प है. राज्य सरकार इस निर्णय को मानने के पक्ष में नहीं है. प्रति मिलने पर इस मामले में अंतिम निर्णय किया जायेगा.
कौन प्रभावित हुए हैं
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीएमपी रेड्डी, रविंद्रजीत सिंह नलवा (डीजीपी होमगार्ड), विजय कुमार (डीजीपी, प्रवर्तन शाखा), अनिल कुमार (डीजीपी, सशस्त्र बल) तथा राज कनौजिया (डीजीपी तट सुरक्षा) की नियुक्ति खारिज हो गयी है.
पंचाट के फैसले का मतलब
याचिकाकर्ता नजरूल इसलाम के वकील ने कहा कि कैट (पंचाट) के फैसले का अर्थ यह है 5 दिसंबर, 2012 को कमेटी द्वारा नियुक्ति पांच डीजीपी की नियुक्ति खारिज हो गयी. ट्रिब्यूनल ने सरकार को नयी चयन कमेटी गठित करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह कमेटी 18 फरवरी को बैठेगी तथा पांच दिसंबर, 2012 के योग्य उम्मीदवार के संबंध में विचार करेगी. इनमें नजरूल इस्लाम शामिल हैं. कमेटी 19 फरवरी को परिणाम घोषित करेगी, जो राज्य सरकार की ओर से लागू किया जायेगा.