कोलकाता: पूर्व मेदिनीपुर के ताजपुर-शंकरपुर के बीच नया पोर्ट बनाने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखा दी है. बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया. बैठक की समाप्ति के बाद राज्य सरकार के इस फैसले की राज्य के वित्त, उद्योग व वाणिज्य मंत्री डाॅ अमित मित्रा ने जानकारी दी.
अमित मित्रा ने बताया कि अदालत ने इस समुद्री बंदरगाह के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है. वहीं, केंद्र सरकार की साझेदारी से बन रहे सागर पोर्ट के लिए कई सड़क व रेल पुल तैयार करनेहोंगे. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर काफी कम लागत आयेगी.
उन्होंने बताया कि इस पोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर 107 करोड़, जबकि सागर पोर्ट के लिए 450 करोड़ रुपये का खर्च होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि यहां पहले चरण में छह बर्थ व दूसरे चरण में नौ बर्थ तैयार किया जायेगा. जिन्हें विभिन्न कार्यों में इस्तेमाल में लाया जायेगा. पहले चरण में 5000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि इस बंदरगाह के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में इस परियोजना से जुड़े सभी विभागों के सचिवों को लेकर सचिवों का एक समूह तैयार किया गया है, जो विशेषज्ञों से परामर्श कर 10-15 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
गौरतलब है कि पिछली वाममोरचा सरकार ने पूर्व मेदिनीपुर जिला के ही रसूलपुर में पोर्ट बनाने की योजना बनायी थी, लेकिन तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने इस योजना को रद्द कर दिया. वर्तमान सरकार का कहना है कि पिछली सरकार ने समीक्षा किये बगैर ही पिछली सरकार ने परियोजना का एलान कर दिया था, उस परियोजना में काफी खामियां थी. तृणमूल सरकार ने क्रिसिल के माध्यम से पूरे इलाके का सर्वे कराया, जिससे पता चला कि रसूलपुर से थोड़ी ही दूर पर ताजपुर-शंकरपुर के बीच पोर्ट बनाने के लिए जगह है.
अगर यहां पोर्ट का निर्माण होता है, तो योजना खर्च लगभग आधा हो जायेगा. ताजपुर-शंकरपुर पोर्ट हल्दिया पोर्ट से कहीं बेहतर होगा.
15 मीटर गहरा होगा पोर्ट, 18 किमी का चैनल होगा तैयार
यह बंदरगाह 15 मीटर गहरा होगा, जबकि यहां 18 किलोमीटर का चैनल तैयार किया जायेगा. जिससे बड़े-बड़े समुद्री जहाज यहां आसानी से आ सकेंगे. यह इतना बड़ा बंदरगाह होगा कि यह आेड़िशा के पारादीप बंदरगाह को टक्कर दे सकेगा. पूर्वी क्षेत्र में अभी तक इतना बड़ा कोई बंदरगाह नहीं है. इस प्रस्तावित बंदरगाह से राज्य राजमार्ग महज आठ किलोमीटर की दूरी आैर निकटवर्ती रेलवे स्टेशन कोंटाई 23 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि निकटवर्ती रेलवे लाइन केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर है. इस वजह से बंदरगाह को सड़क व रेल पथ से जोड़ने के लिए किसी पुल का निर्माण नहीं करना पड़ेगा.