कोलकाता. विवेकानंद फ्लाइओवर के 31 मार्च को ढहने के बाद राज्य सरकार की ओर से एक सर्वे किया गया, जिसमें पता चला कि राज्य में 200 से अधिक ब्रिज क्षतिग्रस्त हैं. उनमें से अधिकतर क्षतिग्रस्त ब्रिज राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्य के हाइवे पर हैं. सर्वे से मिली जानकारी से राज्य की चिंताएं बढ़ गयी हैं.
राज्य की वित्तीय हालत पहले ही मजबूत नहीं है. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा कह चुके हैं कि राज्य पर आर्थिक संकट गहरा रहा है. तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज राज्य पर है. राज्य की मुख्यंमत्री ममता बनर्जी कई बार केंद्र से ऋण माफी या ऋण के पुनर्गठन की मांग कर चुकी हैं.
उन्होंने कई बार कहा है कि यदि कर्ज के संबंध में केंद्र ने कुछ नहीं किया, तो राज्य सरकार को विकास कार्यों में दिक्कत पेश आयेगी. हालांकि सर्वे में इन क्षतिग्रस्त ब्रिजों की मरम्मत में लगने वाले खर्च के संबंध में कोई अनुमान व्यक्त नहीं किया गया है, लेकिन सभी ब्रिजों की मरम्मत आर्थिक संकट की वजह से मुमकिन दिखाई नहीं देती. आइएसआइ के इकोनॉमिक्स के पूर्व प्रोफेसर दीपंकर दासगुप्ता के मुताबिक मरम्मत या बदलने के कार्य से राज्य के कोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. यदि केंद्र की ओर से कोई मदद नहीं मिलती है, पर ब्रिजों की मरम्मत राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि यह लोगों की जिंदगी से जुड़ी हुई है. सर्वे से पता चला है कि 231 ब्रिज क्षतिग्रस्त हैं, जिनमें से 66 को बदलने की जरूरत है. इनमें से 30 को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त, 85 को मध्यम क्षतिग्रस्त और 116 को सामान्य क्षतिग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है.