कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा पर जम कर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री ने केंद्र आैर भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है आैर अल्पसंख्यक समुदाय से उनके फंदे में न आने का आह्वान किया है.
सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित अल्पसंख्यक विकास व वित्त निगम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक विशाल देश है, जिसमें हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई, जैन सभी धर्म व जाति के लोग रहते हैं. एक साथ मिल कर रहना हमारी परंपरा है. हमारा देश एक संयुक्त परिवार की तरह है. इसमें किसी भी हाल में बंटवारा नहीं होना चाहिए.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार विभिन्न तरीकों व माध्यम से देश के सांप्रदायिक सदभाव को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है. उनका काम केवल लोगों को बांटना, गायों की गिनती करना और देश में कट्टरवाद को बढ़ावा देना है. कहीं दलितों पर हमला हो रहा है तो कहीं ईसाइयों व मुसलमानों पर आक्रमण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और भाजपा की समुदायों के विकास में बिल्कुल भी रुचि नहीं, वह केवल उन्हें बांटना चाहते हैं. मुसलिम समुदाय से भाजपा की सांप्रदायिक व विभाजनकारी राजनीति के फंदे में नहीं फंसने का आह्वान करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा : वह लोग सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए फेसबुक आैर ट्वीटर का सहारा ले रहे हैं. मैं अल्पसंख्यक समुदाय के अपने भाइयों व बहनों से यह निवेदन करती हूं कि वह इस फंदे में न फंसे. इस बहकावे से दूर रहें. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा दंगा चाहती है, जबकि हम लोग दंगा नहीं विकास चाहते हैं. दंगा लगानेवालों को पश्चिम बंगाल के लोग कभी भी पसंद नहीं करते हैं. यह रवींद्रनाथ टैगोर आैर नजरूल इसलाम की धरती है, जिन्होंने दुनिया को भाईचारे का संदेश दिया.
सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तरह-तरह के बहाने बना कर अल्पसंख्यक विकास के लिए मंजूर फंड को रोकने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक छात्र-छात्राआें के लिए मंजूर छात्रवृत्ति को पोर्टल खराब होने का बहाना कर केंद्र ने रोक रखा है. अगर पोर्टल खराब है तो इसका खमियाजा छात्र क्यों भुगतेंगे. अपना प्रचार करने में तो कोई खराबी नहीं होती है. उनके पास कोई काम नहीं है, केवल दिन-रात अपने प्रचार में लगे रहते हैं.
तृणमूल ने बढ़ती धार्मिक कट्टरता के खिलाफ उठायी आवाज
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को देश में बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ संसद में आवाज उठायी है. संसद में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक व सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि देश में धार्मिक कट्टरवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरे के निशान तक आ गया है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत की ‘अनेकता में एकता’ के परिदृश्य को उजागर करने की मांग की, ताकि यहां सभी धर्म के लोग शांति से जीवन व्यतीत कर सकें.
वहीं, राज्यसभा में पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि अगर कोई घटना एक बार होती है तो इसे गलती कहते हैं. दूसरी बार होती है तो इसे बड़ी गलती का नाम दिया जाता है. अगर तीसरी बार वही घटना हो तो उसे भयावह गलती कहते हैं, लेकिन वह गलती बार-बार हो तो यह गलती नहीं, बल्कि निर्णय होता है. हम ऐसे देश में नहीं रहना चाहते हैं, जहां जाति-धर्म के नाम पर लोगाें को बांटा जाये.
लोकसभा में श्री बंद्योपाध्याय ने कहा कि हम भारतीय धर्म-निरपेक्षता व धार्मिक सौहार्द बनाये रखने पर विश्वास रखते हैं. हम भारत की अनेकता में एकता व इसकी अखंडता पर विश्वास करते हैं. इसलिए ऐसा कोई ना हो, जो इस अखंडता को खत्म करने की कोशिश करे. एक देश की भांति भारत में प्रत्येक श्रेणी व धर्म के लोगों को समान रूप से जीने व सम्मान से रहने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि गौ रक्षा के नाम पर कई लोग कानून हाथ में ले रहे हैं और लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है, इस प्रकार की घटनाएं बंद होनी चाहिए.