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छह माह की बच्ची को मौत के मुंह से खींच लाये डॉक्टर
बच्ची ने एक छोटी मछली समूची निगल ली थी मालदा : खेल-खेल में छह महीने की एक बच्ची ने एक छोटी मछली निगल ली. श्वास नली में मछली फंस गयी और वह मौत के दरवाजे तक पहुंच गयी. लेकिन मालदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की कोशिश से उसे नयी जिंदगी मिली. डॉक्टरों ने करीब ढाई […]
बच्ची ने एक छोटी मछली समूची निगल ली थी
मालदा : खेल-खेल में छह महीने की एक बच्ची ने एक छोटी मछली निगल ली. श्वास नली में मछली फंस गयी और वह मौत के दरवाजे तक पहुंच गयी. लेकिन मालदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की कोशिश से उसे नयी जिंदगी मिली. डॉक्टरों ने करीब ढाई घंटे तक मशक्कत कर बच्ची को नयी जिंदगी दी. इसके बाद बच्ची का पूरा परिवार खुशी से झूम उठा.
मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद बच्ची के अभिभावकों ने कहा कि डॉक्टरों ने अल्लाह का रूप लेकर उनकी बेटी की जान बचायी. घटना शुक्रवार रात कालियाचक थाने की बांगी टोला ग्राम पंचायत के पांचकड़ी टोला गांव की है. इस गांव के निवासी और पेशे से व्यवसायी रफीकुल शेख की इकलौती बेटी नफीसा खातून (6 माह) अपने एक पड़ोसी सितारा बीबी के घर दूसरे बच्चों के साथ खेल रही थी. उसी समय सितारा बीबी मछली काट रही थी. लोगों की निगाहों से बचकर छह महीने की बच्ची नफीसा ने एक छोटी मछली निगल ली. इसके बाद बच्ची की जान सांसत में पड़ गयी. उसका दम घुटने लगा और वह छटपटाने लगी.
इसके बाद पूरे परिवार में हंगामा मच गया. अपनी इकलौटी बेटी को इस हाल में देख परिवार के लोगों ने आनन-फानन में भाड़े की एक गाड़ी लेकर बच्ची को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया. मेडिकल कॉलेज सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार रात साढ़े सात बजे के करीब नफीसा को शिशु विभाग में भरती किया गया. छह महीने की बच्ची की श्वास नली में मछली फंसने की खबर पाकर मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ ज्योतिष चन्द्र दास और वाइस प्रिंसिपल अमित दां भी पहुंच गये.
मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बच्ची को मौत के मुंह से लौटाने की कोशिश शुरू की. मेडिकल कॉलेज सूत्रों ने बताया कि इतनी कम उम्र की बच्ची के गला का ऑपरेशन करना भी संभव नहीं था. इसके बाद रात में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बैठा. बोर्ड में शिशु विशेषज्ञ डॉ मृत्युंजय पाल, इएनटी डॉ विक्रमजीत धर एवं निखिल चन्द्र राय के नेतृत्व में कई मेडिकल टीम बनायी गयी.
इसके बाद मरणासन्न बच्ची को बचाने का काम शुरू हुआ. करीब ढाई की कोशिश के बाद आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की मदद से डॉक्टर बच्ची के गले में फंसी मछली को बाहर निकालने में सफल हुए. इस दौरान बच्ची बेहोश हो चुकी थी. लेकिन कुछ और इलाज के बाद बच्ची एकाएक चीत्कार कर उठी. बच्ची के गले से जैसे ही रोने की आवाज आयी, पूरा परिवार खुशी से झूम उठा.नफीसा की मां सानोवरा बीबी ने कहा कि हमें ऐसा लगा कि बच्ची अब बच नहीं पायेगी. एक पूरी समुचित मछली उसके गले में फंसी थी. लेकिन डॉक्टरों ने चमत्कार कर मेरी बच्ची को बचा लिया. अब वह बिल्कुल ठीक है.
डॉ उसे एक दिन और अपनी निगरानी में रखेंगे. वहीं नफीसा के पिता रफीकुल शेख ने कहा कि शादी के कई साल बाद नफीसा का जन्म हुआ था. अपनी इकलौती बेटी के साथ इस तरह की घटना से पहले तो उनके दिमाग ने ही काम करना बंद कर दिया. लेकिन मैंने खुद को संभाला और गाड़ी करके उसे मालदा मेडिकल कॉलेज लाया. बहुत से लोगों ने कहा कि मालदा ले जाने से कोई फायदा नहीं होगा.
बच्ची को कोलकाता ले जाओ. लेकिन मैंने मालदा जाना ही उचित समझा. मेडिकल कॉलेज के डॉ इस तरह इलाज करके मेरी बच्ची को बचा लेंगे, इसकी उम्मीद मुझे कम ही थी.
मालदा मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ ज्योतिष चन्द्र दास ने बताया कि समुची मछली निगल लेने की वजह से बच्ची के मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी. बहुत मुश्किल से वह कुछ सांस ले पा रही थी. अगर उसे लाने में और देरी होती तो शायद बचाना संभव नहीं हो पाता. अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है.
बोले मंत्री फिरहाद हकीम
बंगाल में राजनीतिक हिंसा बर्दाश्त नहीं
कोलकाता. राज्य में राजनीतिक हिंसा ने एक और बलि ले ली. शनिवार को महानगर के एसएसकेएम अस्पताल में मुर्शिदाबाद निवासी तृणमूल समर्थक ने दम तोड़ दिया. शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि यह एक राजनीतिक हत्या है. इस प्रकार की घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बता दें कि पांच जून को मुर्शिदाबाद जिले के खारग्राम विधानसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार माधव चंद्र मारजित पर विरोधी पार्टी के समर्थकों ने गोली चलायी थी, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गये थे. उनको कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गयी.
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