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मालदा में घुस सकते हैं ढाका हमले के आरोपी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी चौकसी
मालदा : बांग्लादेश में लापता आतंकवादी सीमा पार कर भारत में घुस सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. मालदा जिले में 172 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है. इसमें से ज्यादातर इलाके में कंटीले तारों की बाड़ नहीं है. 40 किलोमीटर सीमा […]
मालदा : बांग्लादेश में लापता आतंकवादी सीमा पार कर भारत में घुस सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. मालदा जिले में 172 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है.
इसमें से ज्यादातर इलाके में कंटीले तारों की बाड़ नहीं है. 40 किलोमीटर सीमा ऐसी है, जो नदी और तालाब में पड़ती है. इसे देखते हुए नदियों वाले इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है. रात के अंधेरे में आतंकवादी सीमा पार करके न घुस पायें, इसके लिए सर्च लाइट और थर्मल सेंसिंग उपकरणों का इस्तेमाल बीएसएफ कर रही है. कुछ-कुछ इलाकों में प्रशिक्षित कुत्तों के साथ बीएसएफ गश्त लगा रही है.
बीएसएफ के एक सूत्र ने बताया कि ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सीमा पर कड़ी सुरक्षा के निर्देश हैं. मालदा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर नशीले पदार्थ, जाली नोट और गैरकानूनी हथियारों के कारोबारियों का जाल पहले से फैला हुआ है, इसलिए यहां खास तौर पर चौकसी बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है.
ढाका हमले के लापता आरोपियों के नाम और उनकी तस्वीर दिल्ली से उपलब्ध करायी गयी है. इन नामों और तस्वीरों को पूरे सीमावर्ती इलाके में जवानों को उपलब्ध करा दिया गया है. खुफिया पुलिस ने भी इस इलाके में अपनी चौकसी बढ़ा दी है. बीएसएफ के मालदा सेक्टर के डीआइजी बाबर सिंह पुरोहित इस बारे में मीडिया में कुछ बोलना नहीं चाहते. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सीमा पर चौकसी रखना बीएसएफ का रूटीन काम है.
सीमावर्ती इलाकों को लेकर राज्य पुलिस की भी नींद उड़ी हुई है. मालदा में बांग्लादेश सीमा पर छह थाने स्थित हैं. ये हैं इंगलिश बाजार, कालियाचक, वैष्णवनगर, ओल्ड मालदा, हबीबपुर और वामनगोला. इनमें से कालियाचक और वैष्णवनगर थाना क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं.
ये दोनों थाना क्षेत्र जाली नोट से लेकर अवैध आग्नेयास्त्रों और मादक पदार्थों की तस्करी के अड्डे के रूप में जाने जाते हैं. इसके चलते भारत सरकार ने वैष्णवनगर थाना इलाके में एनआइए का ऑफिस भी खोल रखा है. जाली नोट और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यहां नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी को तैनात किया गया है. केन्द्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, मालदा जिला आतंकवादियों के लिए सेफ कॉरीडोर के रूप में चिह्नित है.
इस कॉरीडोर का इस्तेमाल करके ढाका हमले के आरोपी आतंकवादी भाग नहीं पायें, इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से हाई अलर्ट जारी किया गया है.
मालदा के पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि बीते सप्ताह एडीजी मालदा जिले का दौरा करके गये हैं.बीएसएफ और राज्य पुलिस मिलकर गश्त लगाने का काम कर रहे हैं. सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी पूरा समन्वय बना हुआ है. सीमा पर स्थित गांवों पर विशेष नजर रखी जा रही है. अनजान लोगों को देखते ही उनके बारे में खोज-खबर ली जा रही है. पंचायत और स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए स्थानीय पुलिस अधिकारी पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं.
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