इस कारण राज्य सरकार के पास खर्च चलाने के लिए 31 जुलाई तक पैसे हैं. ऐसी स्थिति में 31 जुलाई तक विधानसभा का सत्र चल सकता था और विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के बजट पर चर्चा हो सकती थी.
आज ही विधानसभा का सत्र स्थगित करना जरूरी नहीं था. माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि कई महत्वपूर्ण विभागों के बजट ग्लोटिन में पारित करवाये गये. यह पूरी तरह से गणतंत्र की हत्या है. इन विभागों के बजट पर बहस के दौरान राज्य के विभिन्न मुद्दे उठाये जाते. राज्य सरकार उससे भयभीत हो गयी है और बजट को ग्लोटिन के माध्यम से पारित करवाया लिया गया है.