वाटर जेट फास्ट एटैक क्राफ्ट्स (डब्ल्यूजेएफएसी) श्रृंखला के इस आखिरी पोत का जलावतरण राजा बागान जेटी में किया गया. यहां छोटे पोत तैयार करने की खास सुविधा है. जीआरएसई के अधिकारी ने बताया कि इन पोतों का उपयोग हमले, तस्कर विरोधी, शिकार विरोधी और बचाव अभियानों में किया जाता है.
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डब्ल्यूजेएफएसी शृंखला के आखिरी पोत का जलावतरण
कोलकाता: सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए तैयार ‘डब्ल्यूजेएफएसी’ श्रृंखला के आखिरी पोत का गुरुवार को जलावतरण किया गया. नौसेना में साजोसामान (लाॅजिस्टिक्स) नियंत्रक वाइस एडमिरल जयवंत कोर्डे की पत्नी ने पोत का जलावतरण किया. वाटर जेट फास्ट एटैक क्राफ्ट्स (डब्ल्यूजेएफएसी) श्रृंखला के इस आखिरी […]
कोलकाता: सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए तैयार ‘डब्ल्यूजेएफएसी’ श्रृंखला के आखिरी पोत का गुरुवार को जलावतरण किया गया. नौसेना में साजोसामान (लाॅजिस्टिक्स) नियंत्रक वाइस एडमिरल जयवंत कोर्डे की पत्नी ने पोत का जलावतरण किया.
इस पोत का नाम अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के एक पोत तारस के नाम पर रखा गया है. पोत में अब विभिन्न उपकरणों और प्रणालियाें को लगाने का काम किया जाएगा तथा इसे नौसेना में शामिल करने के पहले समुद्र में परीक्षण किया जायेगा. यह पोत 48 मीटर लंबा है और इसका वजन 315 टन है. इसकी अधिकतम गति 35 नॉट है. इस पर 29 लोग सवार हो सकते हैं. जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (अवकाशप्राप्त) एके वर्मा ने कहा कि गोदी में अब भारतीय तटरक्षक बल के लिए पांच गश्ती पोतों का निर्माण शुरू किया जाएगा.
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