इसलिए सीबीआइ एम्स के चिकित्सकों से इनकी स्वास्थ्य जांच कराना चाहती है. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी शांतनु घोष अदालत में उपस्थित नहीं थे. दिल्ली के एम्स अस्पताल से चिकित्सक बुलाने की बात पर मदन मित्रा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने कभी भी व्यक्तिगत कारणों से मेडिकल सुविधा नहीं ली. जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था. बोर्ड ने प्रत्येक दिन सीबीआइ को रिपोर्ट दी है.
सीबीआइ द्वारा पेश तालिका में गिरफ्तार उद्योगपति रमेश गांधी का नाम नहीं था, जिस पर मदन मित्रा के वकील ने सवाल उठाया. अदालत ने भी सीबीआइ से भी पूछा कि आखिर इनका नाम क्याें नहीं है. कोर्ट ने सीबीआइ को पांचों आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट आने के बाद ही कोर्ट कोई फैसला लेगा. जज सौगत राय चौधरी ने फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है. मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.