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मुख्यमंत्री ने दिये नारद कांड की जांच के आदेश

काेलकाता: नारद स्टिंग ऑपरेशन क्या तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई साजिश थी या वास्तव में तृणमूल के नेताओं व मंत्रियों ने रुपये लिये थे. राज्य सरकार अब इसकी सच्चाई जानना चाहती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था कि वह इसकी सच्चाई सबके सामने लायेंगी. अब राज्य सरकार ने इसकी जांच के […]

काेलकाता: नारद स्टिंग ऑपरेशन क्या तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई साजिश थी या वास्तव में तृणमूल के नेताओं व मंत्रियों ने रुपये लिये थे. राज्य सरकार अब इसकी सच्चाई जानना चाहती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था कि वह इसकी सच्चाई सबके सामने लायेंगी. अब राज्य सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिये हैं. कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
यह घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न भवन में की. घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सदन के अध्यक्ष विमान बनर्जी के साथ बैठक की. उसके बाद राज्य सचिवालय पहुंचने के लिए राज्य के मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी व गृह सचिव मलय दे के साथ भी उच्चस्तरीय बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि नारद स्टिंग ऑपरेशन की सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच होगी. क्या यह किसी राजनीतिक पार्टी की साजिश थी, नेता व मंत्रियों को किसने और क्यों रुपये दिये. क्या नेताओं ने रुपये मांगे थे.

अगर नेताओं ने घूस लिया है और उन पर आरोप साबित होता है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि नारद ऑपरेशन को लेकर पूरे राज्य में हो-हल्ला मचा था. सभी विरोधी दल एकजुट होकर सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ बोल रहे थे. आखिर स्टिंग ऑपरेशन क्यों किया गया, किसके कहने पर यह हुआ. स्टिंग ऑपरेशन के लिए रुपये किसने दिये. इन सभी बातों का खुलासा होना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच कराना चाहती है और स्टिंग ऑपरेशन के पीछे की सच्चाई को सबके सामने लाना चाहती है.

गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेताआें को लेकर एक कमेटी बनायी थी, जिसने आंतरिक रूप से जांच की. इस कमेटी में तीन सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय, सांसद कल्याण बनर्जी व सांसद सुब्रत बक्सी को शामिल किया गया था. इस कमेटी ने मुख्यमंत्री को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया है कि इस संबंध में कोई भी निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही लेंगी.
वहीं, स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम देनेवाले मैथ्यूज सैमुअल ने महानगर में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि उन्होंने आरोपी नेताओं को पैसे पार्टी के चंदे के रूप में रुपये नहीं, बल्कि बतौर घूस दिये थे. सैमुअल ने सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्री व सांसदों को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें कई नेताओं को पैसे लेते हुए दिखाया गया था.
िकस पर कितनी राशि लेने का आरोप
आइपीएस अधिकारी एमएच अहमद मिर्जा 50 लाख
सांसद मुकुल राय 20 लाख
मंत्री सुब्रत मुखर्जी 5 लाख
सांसद सौगत राय 5 लाख
सांसद सुलतान अहमद 5 लाख
सांसद व मंत्री शुभेंदु अधिकारी 5 लाख
सांसद काकोली घोष दस्तिदार 4 लाख
सांसद प्रसून बनर्जी 4 लाख
मेयर व मंत्री शोभन चटर्जी 5 लाख
पूर्व मंत्री मदन मित्रा 5 लाख
विधायक व उप मेयर इकबाल अहमद 5 लाख
मंत्री फिरहाद हकीम 5 लाख
स्टिंग ऑपरेशन मामले की चल रही है हाइकोर्ट में सुनवाई
नारदा स्टिंग मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. हाइकोर्ट ने स्टिंग वीडियो की फॉरेंसिक जांच के लिए उसे हैदराबाद भेजा है. फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट हाइकोर्ट में जमा होगी.

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