पांच साल में इस परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत राज्य के 19 जिलों की सभी 3342 ग्राम पंचायतों को इसके दायरे में लाया जायेगा. पंचायत मंत्री ने कहा कि अभी तक वित्त आयोग से धन जिला परिषदों को जाया करता था, लेकिन 14वें वित्त आयोग से धन सीधे ग्राम पंचायतों को जायेगा और इन ग्राम पंचायतों को अपनी जरूरतों के मुताबिक इसका इस्तेमाल करने की आजादी होगी.
विश्व बैंक की अधिकारी सोमा घोष मलिक ने कहा हम लोगों ने अफ्रीका और बांग्लादेश में अनुभवों से प्रेरित होकर यह परियोजना शुरू की थी. लेकिन अब जब हम इसकी समाप्ति की दिशा में बढ़ रहे हैं, यह परियोजना अन्य लोगों के लिए एक आदर्श है. पंचायत विभाग के सचिव सौरभ कुमार दास ने कहा कि दूसरे चरण में संभावित बजट 1783 करोड़ रुपये का है, जिसमें से राज्य सरकार का योगदान 411 करोड़ रुपये का होगा.