श्री देव ने बताया कि मतदान के बाद से ही राज्य के कई जिलों में हिंसा हो रही है. खेजुरी में भी पीड़ित का केवल यही कसूर था कि वह माकपा कार्यकर्ता था और उसका भाई माकपा का एक नेता है. उसे तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया और छोड़ने के लिए 20 हजार रुपयों की मांग की. पैसे नहीं देने पर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी.
स्थानीय पुलिस हत्या को पारिवारिक कलह बताकर दबाना चाहती है. श्री देव ने माकपा राज्य सचिव सूर्यकांत मित्रा का भी एक पत्र श्री गुप्ता को सौंपा, जिसमें चुनाव के बाद की हिंसा के संबंध में चिंता जताते हुए चुनावा आयोग द्वारा कदम उठाये जाने की मांग की गयी है.