तीनों उम्मीदवार अपने जीत के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में आयी थी. पिछले चुनाव मेें तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अशोक कुमार साव ने माकपा के उम्मीदवार शिव प्रसाद बंद्योपाध्याय को 43,039 मत से पराजित किया था, लेकिन इस बार यह सीट किस करवट लेगी, यह चुनाव परिणाम ही बतायेगा.
हालांकि चंदननगर के इस चुनावी महासमर में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए इंद्रनील ने दो सारथियों को चुना है. इनमें भद्रेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन मनोज उपाध्याय और चंदननगर नगर निगम के मेयर राम चक्रवर्ती का नाम उल्लेखनीय है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि चंदननगर फ्रांसीसी काल से ही सुशिक्षित क्षेत्र है और यहां के मतदाता बहुत जागरूक हैं. वे लोग काफी सोच समझकर उम्मीदवारों का चयन करते हैं. चंदननगर में तीन जूट मिलें हैं. इसमें काम करनेवाले मजदूर ही चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. इन जूट मिलों में गोंदलपाड़ा, तेलिनीपाड़ा, विक्टोरिया और भद्रेश्वर श्यामनगर नार्थ जूट मिल का नाम आता है. इन जूट मिलों में बार-बार होनेवाली तालाबंदी ही इस बार चुनाव का प्रमुख मुद्दा है.
इस मुद्दे के समाधान का भरोसा देकर हर उम्मीदवार चुनावी बैतरणी पार करने में जुटे हुए हैं. तृणमूल नेताओं का कहना है कि भद्रेश्वर में यह देखा गया है कि जब भी तालाबंदी हुई है तो मनोज उपाध्याय आगे आकर तालाबंदी खत्म करवाने की हर पहल की. तृणमूल नेताओं का दावा है कि भद्रेश्वर में गोलीमाठ और मंशाताल्ला में नदी घाट का निर्माण और 24 घंटे पेय जल परियोजना और भद्रेश्वर बाबूघाट -श्यामनगर जेटी लांच सेवा शुरू किया गया है.
कारण यह है कि भद्रेश्वर के हिंदीभाषी क्षेत्र जो पहले उपेक्षित रहता था, वहां इन कामों के होने जाने से लोग खुश हैं. दूसरी ओर, विपक्षी दल के नेताओं का कहना है कि चंदननगर में गोंदल जूट मिल के बार-बार तालाबंदी से मजदूर तबाह हैं. न तो सत्तारूढ़ दल और न ही नेताओं ने कुछ किया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चंदननगर में भद्रेश्वर की तरह ही हाई मास्ट टावर का काम हुआ है. पर बड़े कामों में केवल चंदननगर स्टैंड का सौंदर्यीकरण और गढ़ की सफाई और चंदननगर स्टेशन के निकट रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का काम जारी है. इन कामों को ही दिखा कर तृणमूल इस गढ़ में दूसरी बार अपना परचम लहराने में जुटी हुई है, जबकि विरोधी दल के लोग सारधा और नारदा घोटाला को उछाल कर जीत हासिल करना चाहते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और इस चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं.